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यूरेनियम के ढेर पर बैठे सनकी तानाशाह ने सुपरपावर को धमकाया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नाम 10 हजार किमी दूर से एक सलामी आई है. ये सलामी उस सनकी तानाशाह की है, जिसकी जिंदगी का एक ही मकसद है. अमेरिका की तबाही. इस तबाही के चक्कर में उसने खुद अपने देश को भी बर्बादी की आग में झोंक रखा है. आलम ये है कि इस सनकी तानाशाह के देश में अनाज कम असलहे ज़्यादा हैं. इसीलिए ये हमेशा बस मिसाइल दाग कर अपने दुश्मनों का स्वागत करता है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की किम जोंग की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की किम जोंग की चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नाम 10 हजार किमी दूर से एक सलामी आई है. ये सलामी उस सनकी तानाशाह की है, जिसकी जिंदगी का एक ही मकसद है. अमेरिका की तबाही. इस तबाही के चक्कर में उसने खुद अपने देश को भी बर्बादी की आग में झोंक रखा है. आलम ये है कि इस सनकी तानाशाह के देश में अनाज कम असलहे ज़्यादा हैं. इसीलिए ये हमेशा बस मिसाइल दाग कर अपने दुश्मनों का स्वागत करता है.

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो सब ने उन्हें मुबारकबाद दी. सिवाए एक के. हां उसने थोड़ा वक़्त ज़रूर लगाया. मगर अमेरिकी राष्ट्रपति पद की इस शपथ के 3 हफ्ते के अंदर ही उसने इस आतिशबाज़ी के ज़रिए डोनाल्ड ट्रंप को वेलकम का पैगाम भेजा है. समझदार के लिए इशारा काफी होता है. नार्थ कोरिया के इस तानाशाह ने अमेरिकी राष्ट्रपति को इशारा दे दिया है कि हनीमून पीरियड खत्म हो चुका है. अब दुनिया की हकीकत का सामना करो.

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दुनिया की राजनीति में तो ऐसा खैरमक़दम किसी का नहीं हुआ जैसा नार्थ कोरिया के इस सनकी तानाशाह ने डोनाल्ड ट्रंप का किया. मज़ाक तो ये है कि जिस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने जापान को सुरक्षा की गारंटी दी. उसके ठीक अगले ही दिन उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन ने जापान की तरफ मिसाइल दाग दी. इससे पहले की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दुनिया को अपनी ताकत दिखाते. किम जोंग उन ने उन्हें अपनी ताकत दिखा दी.

जापान के साथ-साथ दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसियों ने भी उत्तर कोरिया के इस बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट की तस्दीक कर दी है. किम जोंग उन को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि कौन उसके साथ है या कौन नहीं है या अमेरिका के मुकाबले वो कहां ठहरता है. उसे तो दिन रात बस एक ही चीज नजर आती है. अमेरिका की तबाही और जो उसके साथ है या जिसे उसका साथ है. वो खुद ब खुद नार्थ कोरिया का दुश्मन बन जाता है.

500 किमी रेंज की इस बैलिस्टिक मिसाइल पुकगुकसोंग का टेस्ट इसी बात का पैगाम देने के लिए किम जोंग ने जापान की तरफ दागी है. क्योंकि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री शिंजो आबे की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान को सुरक्षा का भरोसा दिलाया था. समंदर में जापान की तरफ किए गए किम जोंग उन के इस मिसाइल टेस्ट से न सिर्फ जापान बल्कि दक्षिण कोरिया की बेचैनी भी बढ़ गई है.

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उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल
* नार्थ कोरिया की इस बैलिस्टिक मिसाइल का नाम है पुकगुकसोंग
* सतह से सतह पर मार करने वाली मीडियम रेंज की है मिसाइल
* 12 फरवरी को किया गया पुकगुकसोंग का सफल टेस्ट
* उत्तर कोरिया के पश्चिमी तट से किया गया पुकगुकसोंग का परीक्षण
* जापान की समुद्री सीमा से ठीक पहले गिराई गई मिसाइल
* 500 किमी की दूरी तय कर सकती है पुकगुकसोंग मिसाइल

अमेरिका जैसे सुपरपावर को धमकाया
एक तरफ जापान और अमेरिका तो दूसरी तरफ दक्षिण कोरिया किम जोंग की इस सनक का जवाब देने के लिए खुद को तैयार बता रहे हैं. मगर हकीकत तो ये है कि ये तीनों देश मिलकर भी इस साढ़े पांच फीट के इंसान को डरा नहीं पा रहे हैं. उल्टा इसने ही अमेरिका जैसे सुपरपावर को एक तरह से धमका रखा है. किम के इस मिसाइल टेस्ट के बाद अमेरिकी और जापानी राष्ट्रपति ने ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस कर जवाब देने की कोशिश की है.

 

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