दिन भर वो काम करता. रात को थक हार कर घर आता और अपने बिस्तर पर सो जाता. चूंकि वो अकेला रहता था और परिवार के लोग बाहर थे, तो घर में कोई बात करने के लिए भी नहीं होता था. फिर एक रोज़ अचानक उसे कमरे में तेज़ बदबू का अहसास हुआ. पूरा घर छान मारा. पर पता ही नहीं चला कि बदबू कहां से आ रही है. आखिर में उसने बेड से गद्दा हटाया और बेड का ब़ॉक्स खोला. ब़ॉक्स के अंदर एक औरत की लाश पड़ी थी. वो पूरी पांच रात उसी लाश के ऊपर सो रहा था. मामला दिल्ली के करीब उस गुड़गांव का है जिसे अब गुरूग्रम कहते हैं.
20 जनवरी 2019 रविवारगुरुग्राम के सेक्टर-46 में राजेश और उसकी पत्नी अपने बच्चों के साथ रहते हैं. उस दिन रात के वक्त बच्चों के सामने राजेश और उसकी पत्नी बबीता के बीच काफी झगड़ा हुआ था. राजेश ने बबिता को गुस्से में जान से मारने की धमकी तक दे दी थी.
21 जनवरी 2019 सोमवार, सुबह का वक़्त
घर में किसी को बिना कुछ बताए. राजेश पत्नी बबीता को लेकर निकल गया. उसके बच्चे घर में ही सो रहे थे सिवाए उसकी बड़ी बेटी के. जिसने उन दोनों को घर से बाहर जाते देखा.
21 जनवरी 2019 सोमवार, सुबह का वक़्त
पेशे से ड्राइवर राजेश के पास अपने मालिक दिनेश की गाड़ी की चाबी के अलावा उसके घर की भी चाबी रहती थी. चूंकि दिनेश हर शनिवार-रविवार गांव चला जाता है. लिहाज़ा राजेश पत्नी बबिता को लेकर यहां उसी के घर आ गया. दोनों में फिर झगड़ा हुआ. और ऐसा माना जा रहा है कि इस बार राजेश ने गुस्से में बबिता का गला दबाकर उसे मार डाला. राजेश से पत्नी का कत्ल तो हो गया था मगर उसे समझ नहीं आया कि वो बबिता की लाश को कहां ठिकाने लगाए. पकड़े जाने के खौफ से उसने दिनेश के घर में इस बेड बॉक्स के अंदर बबिता की लाश रखी और घर में ताला लगाकर फरार हो गया.
पहली रात- 21 जनवरी 2019, सोमवार
सोमवार की रात राजेश का मालिक दिनेश गांव से लौटा. घर पर ताला लगा देख वो सीधे गुरुग्राम के सेक्टर 46 के ही नज़दीक अपनी चाय की दुकान पर चला गया. गाड़ियां चलवाने के अवाला दिनेश चाय की दुकान भी चलाता है. उसने राजेश का फोन मिलाया वो भी बंद आ रहा था. रात को काम खत्म करके दूसरी चाभी से उसने घर का दरवाज़ा खोला और हमेशा की तरह अपनी बेड पर जाकर सो गया. इस बात से अनजान कि उसी बेड के अंदर एक लाश रखी हुई है.
दूसरी रात- 22 जनवरी 2019 मंगलवार
रात के वक़्त हमेशा की तरह दिनेश सुबह घर से निकला था और रात को वापस लौटा. बबिता की लाश अभी भी बेड में ही थी. मगर दिनेश अनजान था. वो फिर उसी बेड पर सो गया. सुबह हुई और वो तैयार होकर अपनी चाय की दुकान पर चला गया.
तीसरी रात- 23 जनवरी 2019, बुधवार
रात के वक़्त दिनेश फिर घर लौटा. बबिता की लाश अभी भी उसी के बेड बॉक्स में थी. मगर आज उसे इस बात पर हैरानी हो रही थी कि राजेश ना जाने कहा चला गया है. और क्यों उसका फोन भी नहीं लग रहा है. आज उसे नींद भी नहीं आ रही थी. एक अजीब सी गंध आज उसके कमरे का माहौल अटपटा बना रही थी. उसे लगा शायद बाहर की नाली से बदबू आ रही है. लिहाज़ा उसे नज़रअंदाज़ करके वो सो गया. मगर सुबह हुई तो वो राजेश के घर गया. जहां उसे पता चला कि राजेश और बबीता का सोमवार से ही कुछ अता पता नहीं चल रहा है.
चौथी रात- 24 जनवरी 2019, गुरुवार
रात का वक़्त था. आज दिनेश काफी थका हुआ था. इसलिए आते ही बेड पर लेट गया. लाश अभी भी वहीं थी जहां राजेश उसे छिपा गया था. यानी दिनेश के बेड के अंदर. मगर आज उसके कमरे में बदबू थोड़ी और तेज़ हो गई थी. लेकिन थकावट की वजह से दिनेश किसी तरह नींद की आगोश में चला गया. और सुबह होते ही अपने काम पर निकल गया.
पांचवी रात- 25 जनवरी 2019, शुक्रवार
रात के वक्त फिर दिनशे घर लौटा तो आज घर में कुछ ज्यादा ही तेज़ बदबू थी. बदबू बर्दाश्त के बाहर थी. दिनेश को लगा शायद चूहा मर गया है. परेशान होकर वो अपने घर की तलाशी लेने लगा. जब उसे कहीं कुछ नज़र नहीं आया तो उसने खिड़की के पास लगे अपने इस बेड का गद्दा हटाया. जैसे ही दिनेश ने इस बॉक्स को खोला. तेज़ बदबू के ने उसे बदहवास कर दिया. वो पीछे की तरफ गिरा. और बॉक्स बंद कर के नज़दीकी पुलिस स्टेशन की तरफ भागा.
पुलिस मौके पर पहुंची. बेड का बॉक्स खोलते ही पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए. लाश को इस बेरतीब तरीके से रखा गया था कि वो ना सिर्फ अकड़ चुकी थी. बल्कि पांच दिनों के बाद बुरी तरह से सड़ भी चुकी थी. शुरूआत में तो चेहरा पहचान में ही नहीं आ रहा था. लाश के दोनों पैरों को फैलाकर बेड के एक ही हिस्से में ठूंसने की कोशिश हुई थी. पुलिस ने लाश को बॉक्स से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया.