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बेंगलुरु में पति को मैसेज, गोवा में बेटे का कत्ल...आखिर लाश लेकर अपने घर क्यों जा रही थी सूचना सेठ?

Goa Murder Case: गोवा में अपने चार साल के बेटे की हत्या करने के बाद सूचना सेठ उसे शव को बेंगलुरु स्थित अपने ले जाना चाहती थी. वहां पहुंचने के बाद भी वो अपने बेटे की लाश को अपने घर में ही रखना चाहती थी. तब तक जब तक कि इस लाश का सच बाहर नहीं आ जाता. उसकी जिद थी कि उसका बेटा हमेशा उसके साथ रहेगा.

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बेटे की हत्या करने के बाद सूचना सेठ उसे शव को बेंगलुरु स्थित अपने ले जाना चाहती थी.
बेटे की हत्या करने के बाद सूचना सेठ उसे शव को बेंगलुरु स्थित अपने ले जाना चाहती थी.

हालिया वक्त में श्रद्धा मर्डर केस सहित ऐसे दर्जनों केस सामने आए, जिनमें कत्ल के बाद कातिल ने लाश को ठिकाने लगाने के अलग-अलग तरीके चुना था. लेकिन चार साल के अपने ही बेटे के कत्ल की आरोपी सूचना सेठ इन सबसे अलग थी. इतनी अलग कि बेटे का कत्ल करने के बाद अगले 22 घंटे तक वो गोवा के होटल के कमरे में उसी बेड पर लेटी और बैठी रही, जिस पर उसके बेटे की लाश पड़ी थी. इतनी अलग कि जब होटल छोड़ने का वक्त आया, तब उसने अपने हाथों से बेटे की लाश को बहुत संभाल कर बैग के अंदर डाला. लाश के ऊपर खिलौना रखा. उसके ऊपर बच्चे के कपड़े रखे. कपड़ों के ऊपर फिर बाकी बचे खिलौने रखे. इसके बाद सबसे आखिर में बैग के सबसे ऊपर अपने कपड़े रखे.

इसके बाद उसी बैग के साथ वो गोवा से बेंगलुरु जाने के लिए कैब में सवार हो गई. वो अपने बेटे को अपने साथ बेंगलुरु के अपने उसी घर में ले जाना चाहती थी, जिस घर में वो रहती थी. घर पहुंचने के बाद भी वो अपने उसकी लाश को अपने घर में ही रखना चाहती थी. तब तक जब तक कि इस लाश का सच बाहर नहीं आ जाता. क्योंकि सूचना की जिद थी कि उसका बेटा हमेशा उसके साथ रहेगा. इस साथ रहने वाली बात ने ही गोवा पुलिस को इतना परेशान कर दिया कि अब उसने फैसला किया है कि उससे आगे की सारी पूछताछ किसी मनोवैज्ञानिक की मौजूदगी में की जाएगी. पुलिस को इस सवाल का जवाब ही नहीं मिल रहा है कि सूचना अपने बेटे की लाश के साथ क्या करने वाली थी? 

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पहले छह दिनों तक हिरासत में गोवा पुलिस ने हर तरीके से सूचना सेठ के दिमाग में झांकने की कोशिश कर ली. उसकी जुबान खुलवाने की कोशिश कर ली. लेकिन बकौल गोवा पुलिस सूचना पूछताछ में बिल्कुल सहयोग नहीं कर रही है. इसी शिकायत के साथ गोवा पुलिस छह दिन की पुलिस हिरासत ख़त्म होने के बाद सोमवार को उसे बढ़ाने की मांग लेकर अदालत पहुंची थी. वहां अदालत ने अर्जी मंजूर करते हुए सूचना को पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. लेकिन इसी दौरान पुलिस ने कोर्ट में जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक अब तक की इस पूरी कहानी में कुछ नई चीजें सामने आई हैं. पूरे देश के बेचैन कर देने वाली एक मासूम की मां के हाथों हुए कत्ल की कहानी का पूरा सच कुछ ऐसा है.

अपने बेटे से पति वेंकट रमन को नहीं मिलने देती थी सूचना सेठ 

बेंगलुरु की एक फैमिली कोर्ट के आदेश के बावजूद आखिरी पांच संडे को सूचना ने अपने बेटे को को उसके पिता से नहीं मिलवाया था. आखिरी बार बाप बेटे की मुलाकात 10 दिसंबर को बेंगलुरु के एक कैफे में हुई थी. इसके बाद जब भी संडे को वेंकट रमन अपने बेटे से मिलने जाता, पत्नी उसे मिलने नहीं देती. पांच संडे के बाद उसको भी अहसास हो चुका था कि कोर्ट के हुक्म को इस तरह नजर अंदाज करना उसके केस के लिए ठीक नहीं होगा. दरअसल, तलाक के साथ-साथ सूचना और वेंकट दोनों ने ही बच्चे की कस्टडी की भी अदालत में अर्जी डाल रखी थी. इसी के बाद एक सोची समझी साजिश के तहत पांच जनवरी यानी शुक्रवार को सूचना सेठ ने अपने पति वेंकट रमन को टेक्स मैसेज भेजा था.

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वेंकट रमन इंतजार करते रहे, लेकिन बेटे संग नहीं आई सूचना

उस मैसेज लिखा था कि 7 जनवरी यानी संडे को बेंगलुरु के ही एक पते पर सुबह 10 बजे वो अपने बेटे से मिल सकता है. सूचना ने वो पता भी टेक्स्ट किया था. उसे पढ़ने के बाद वेंकट बताए गए समय और पते पर पहुंच गए, लेकिन करीब घंटा भर इंतजार करने के बावजूद सूचना अपने बेटे को लेकर नहीं आई. इस दौरान उसने उसके टेक्स्ट और मेल का भी जवाब नहीं दिया. वेंकट रमन ने वापस घर पहुंच कर भी उसको मैसेज और मेल किया. दरअसल, दोनों के बीच सारी बातचीत इसी तरह होती थी. क्योंकि मामला कोर्ट में था और टेक्स्ट और ईमेल आगे चल कर सबूत बन सकते थे. लेकिन सूचना का फिर भी कोई जवाब नहीं आया. उसी शाम को ही वेंकट को किसी काम के सिलसिले में इंडोनेशिया जाना था.
 
इधर इंडोनेशिया निकले वेंकट, उधर बेटे संग गोवा पहुंची सूचना 

उनकी फ्लाइट की टिकट पहले से बुक थी. लिहाजा वो शाम को बेंगलुरु से जकार्ता निकल पड़ा. इस बात से बेखबर कि सूचना अपने बेटे को लेकर संडे से एक दिन पहले ही बेंगलुरु से गोवा जा चुकी है. उसने पांच जनवरी को वेंकट को जानबूझ कर टेक्स्ट किया था कि सात जनवरी को वो बेटे से मिलने आ सकता है. जबकि उससे पहले ही उसने प्लान के तहत 6 जनवरी को गोवा की फ्लाइट की टिकट और होटल की बुकिंग करा रखी थी. 6 जनवरी की रात की फ्लाइट से वो बेंगलुरु से गोवा पहुंचती है. उसी रात साढ़े ग्यारह बजे वो नॉर्थ गोवा के द सोल बनयान ग्रैंडे होटल में चेकइन करती है. होटल की बुकिंग दस जनवरी की तक की थी. यानी अगले चार दिनों तक उसे गोवा में ही रहना था.

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गोवा के होटल में किया बेटे का कत्ल, पति इंतजार करता रहा

गोवा के सर्विस अपार्टमेंट में चेकइन करने के सिर्फ दो से ढाई घंटे बाद ही रात करीब दो बजे के आस-पास सूचना अपने बेटे का कत्ल कर देती है. इसके बाद पूरी रात वो उसी बेड पर लेटी रहती है, जिस पर उसके बेटे की लाश पड़़ी थी. अगले पूरे दिन भी वो कमरे में ही रहती है. वो एक बार भी कमरे या होटल से बाहर नहीं जाती. यहां तक कि खाने-पीने के लिए एक बार भी रूम सर्विस तक को कॉल नहीं करती. ये वही संडे का दिन था, जिस दिन वेंकट को उसके बेटे से मिलवाने के लिए उसने पांच जनवरी को टेक्स्ट भेजा था. संडे के पूरे दिन उसके मोबाइल पर सिर्फ और सिर्फ सुबह करीब दस से ग्यारह बजे के दरम्यान उसके पति का ही मैसेज आया था. वो उसके बताए पते पर इंतजार करता रहा.

22 घंटे तक होटल में अपने बेटे के लाश के साथ रही सूचना सेठ

7 जनवरी को रात करीब 11 बजे सूचना ने पहली बार अपने रूम से रिसेप्शन पर फोन किया. उसने किसी अर्जेंट काम से फौरन बेंगलुरु लौटने की बात कहते हुए वहां तक के लिए एक कैब बुक कराने को कहा. हालांकि होटल की बुकिंग दस जनवरी तक के लिए थी. लेकिन सिर्फ एक रात होटल में गुजारने के बाद अगली ही रात वो होटल से चेकआउट कर रही थी. उससे पहले 22 घंटे तक वो जब अपने बेटे की लाश के साथ कमरे में थी, तब उसने तीन चीज़ें की थीं. पहली क़त्ल के बाद एक कागज पर दो लाइनें लिखी थीं, "कोर्ट ने जो मेरे पति को मेरे बेटे से मिलने का ऑर्डर पास किया है, वो मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं. मेरा बेटा मेरे पास ही रहेगा." इसके बाद उसने एक नोट भी लिखा था.

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सूचना ने लिखा- मैं काफी गिल्टी और फ्रस्टेटेड महसूस कर रही हूं

इस बार उसने लिखा, "मैं काफी गिल्टी और फ्रस्टेटेड महसूस कर रही हूं. मैं अपने बेटे से बहुत प्यार करती हूं. लेकिन मैं उसे उसके बाप से मिलते नहीं देख सकती." इसके बाद इन्हीं 22 घंटों में एक बार उसने कमरे के अंदर ही कैंची से अपनी कलाई की नसें काट कर मरने की कोशिश भी की थी. लेकिन ये कोशिश अधूरी थी. उसके होटल से चेकआउट करने के बाद 8 जनवरी की सुबह पुलिस को शक हो चुका था. इसी के बाद कैब ड्राइवर के जरिए सूचना को बेंगलुरु जाने के रास्ते में ही पकड़ने की प्लानिंग की गई. ड्राइवर की मदद से दोपहर करीब 12 बजे के आस-पास कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के आईमंगला पुलिस स्टेशन में सूचना को हिरासत में भी ले लिया गया.

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थाने में वेंकट रमन ने सूचना से पूछा- हमारे बेटे को क्यों मारा?

गोवा पुलिस के मुताबिक, शुरुआत से ही पूछताछ में सूचना इस बात से इनकार कर रही है कि उसने अपने बेटे का कत्ल किया है. उसका कहना है कि रात बेटे के साथ सोई, सुबह उठी तो बेटा मर चुका था. इतना ही नहीं शनिवार को पहली बार सूचना और वेंकटरमन की कलंगुट पुलिस स्टेशन में पुलिस की मौजूदगी में आमने-सामने मुलाकात कराई गई. इस मुलाकात के दौरान वेंकटरमन ने सूचना से पहला सवाल ही यही पूछा, ''तुमने हमारे बेटे को क्यों मारा?'' तब भी सूचना का जवाब यही था कि उसने ऐसा नहीं किया. उसने वेंकट को भी वही जवाब दिया, जो अब तक वो पुलिस से कहती आ रही है. इस दौरान भी दोनों के बीच झगड़ा होता रहा. उसने कहा कि इस सबके लिए पति जिम्मेदार है.

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पुलिस के सवाल पर सूचना का जवाब- मेरा बेटा मेरे साथ रहेगा

गोवा पुलिस जब भी उससे बेटे की लाश को बैग में रखने और बेंगलुरु ले जाने की वजह पूछती, तो वो सिर्फ एक ही जवाब देती, ''मेरा बेटा मेरे साथ ही रहेगा''. उसके इसी जवाब ने पिछले छह दिनों से गोवा पुलिस को परेशान कर रखा है. पुलिस के सूत्र इस बात से इनकार नहीं कर रहे कि वो अपने बेटे की लाश को बेंगलुरु ले जा कर अपने घर में ही अपने साथ रखती. पर पुलिस रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ नहीं कहना चाहती. वजह भी बहुत साफ है. यदि ऐसी बातों से सूचना की दिमागी हालत को लेकर सवाल उठेंगे, तो अदालत में उसे इसका कानूनी फायदा मिल सकता है. इसीलिए इससे बचते हुए गोवा पुलिस ने ये तय किया है कि अब उससे पूछताछ किसी मनोचिकित्सक की मौजूदगी में ही की जाएगी.

गुजरे सात संडे की पूरी पहेली क्या सुलझा पाएगी गोवा पुलिस?

फिलहाल गोवा पुलिस के पास पांच दिन हैं. इन पांच दिनों में उसे कत्ल और लाश के सफर की पूरी पहेली को सबूतों के साथ सुलझाना है. इस हफ्ते के आखिर तक सूचना की दूसरी पुलिस रिमांड पर भी खत्म हो जाएगी. उसके बाद फिर से संडे आएगा. तो क्या उस संडे से पहले गुजरे सात संडे की पूरी पहेली गोवा पुलिस सुलझा पाएगी? ये बड़ा और अहम सवाल है. क्योंकि अभी बीते छह दिनों में गोवा पुलिस सूचना सेठ से जुर्म कबूल करवाने में नाकाम रही है. ऐसे में कैसे भरोसा किया जाए कि वो अगले पांच दिनों में ऐसा कर पाएगी. वैसे इस मामले में पुलिस हत्यारोपी मां का डीएनए टेस्ट कराने जा रही है, ताकि मृतक बच्चे के साथ उसके संबंध को स्थापित किया जा सके. 

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