बीजेपी नेता ब्रजपाल तेवतिया पर हमले के मेन मास्टरमाइंड मनीष दीवान को यूपी एसटीएफ ने गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके में मुठभेड़ के बाद धर दबोचा. दिल्ली पुलिस में तैनात सुरेश दीवान की 2003 में हत्या हो गई थी. इसका आरोप तेवतिया पर लगा था. उन पर हमले का मुख्य आरोपी मनीष सुरेश दीवान का बेटा है.
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबी तेवतिया पर मोदीनगर में जिस एके-47 और कार्बाइन से हमला हुआ था, वह मारे गए गैंगस्टर राकेश हसनपुरिया की थी. उसके पुलिस एनकांउटर के बाद दोनों हथियार मनीष दीवान के परिवार के पास थे. इसे उसने एनकाउंटर से कुछ दिन ही पहले ही रखने के लिए दिया था.
मामला बढ़ता देख उस वक्त परिवार ने हथियारों को मनोज के साले मेरठ निवासी संसार सिंह के पास सुरक्षित रखवा दिए थे. 11 साल बाद जब ब्रजपाल तेवतिया की मुखबिरी से दिल्ली में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सुरेश दीवान के बेटे मनीष ने पिता की हत्या का बदला लेने की योजना अपने चाचा मनोज से सांझा की.
उसने हथियारों के इंतजाम के लिए सुरक्षित रखाई गई एके-47 और कार्बाइन अपने साले संसार सिंह ने वापस मांगा ली. योजना तैयार कर पिस्टल के साथ साथ इन्हीं दोनों हथियारों से तेवतिया पर तीन अगस्त को रावली रोड मुरादनगर में गोलियां बरसाई गई. इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए.
मनीष दीवान के पास से एक यूएस 30 कैलिबर कार्बाइन, कारतूस और एक बाइक बरामद हुई है. इस केस में अभियुक्त मनीष पर हमले के बाद 15 हजार का इनाम घोषित था. पुलिस कई आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन मनीष की गिरफ्तारी सबसे अहम है. उम्मीद है कि इस हमले हर राज अब बेनकाब होगा.