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जिस इंस्पेक्टर पर बनी थी 'जिला गाजियाबाद' फिल्म, उसी का भांजा तेवतिया हमले में गिरफ्तार

आरोपी बब्बल पर 15 हजार का इनाम भी था और इसने ही तेवतिया पर गोलियां चलाई थीं. पुलिस अभी भी इस मामले में मनोज और मनीष की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है.

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बीजेपी नेता हैं ब्रिजपाल तेवतिया
बीजेपी नेता हैं ब्रिजपाल तेवतिया

फिल्म जिला गाजियाबाद में संजय दत्त ने जिस प्रीतम सिंह की भूमिका अदा की थी, उसी प्रीतम सिंह का नाम फिर से सुर्खियों में आ गया है. प्रीतम सिंह तेज तर्रार पुलिस ऑफिसर थे, जिनकी हत्या कर दी गई थी. बुधवार को उन्हीं के भांजे को गाजियाबाद पुलिस ने चर्चित ब्रिजपाल तेवतिया मामले में गिरफ्तार किया है. आरोपी को उसी थाने से गिरफ्तार किया गया है, जहां प्रीतम सिंह की तूती बोला करती थी.

आरोपी बब्बल पर 15 हजार का इनाम भी था और इसने ही तेवतिया पर गोलियां चलाई थीं. पुलिस अभी भी इस मामले में मनोज और मनीष की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है. पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है की इंस्पेक्टर प्रीतम सिंह का भांजा तेवतिया हमले में क्यों शामिल हुआ था.

इंस्पेक्टर प्रीतम ने खत्म की थी गोलियों की आवाज
90 के दशक में जिला गाजियाबाद में गोलियों की आवाज को शांत करने वालो में इंस्पेक्टर प्रीतम सिंह की अहम् भूमिका थी. 90 के दशक में गाजियाबाद में महेंद्र फौजी, सतबीर गुर्जर और ऐसे करीब दर्जन भर गैंग का आतंक था. पश्चिमी यूपी में सबसे बड़ा और गोलियों की आवाज से रोज थर्राने वाला जिला था गाजियाबाद. आए दिन गैंगवार और पुलिस की गोलियां गाजियाबाद का सीना छलनी करती थीं. लेकिन उन गोलियों की आवाज को शांत करने में एक शख्स का सबसे बड़ा योगदान था. वो था इंस्पेक्टर प्रीतम सिंह.

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प्रीतम की हत्या कर दी गई थी
प्रीतम सिंह ने गैंगवार का इस तरह इस्तेमाल किया की गैंग्स आपस में ही एक-दूसरे के दुश्मन हो गए. प्रीतम सिंह ने गैंग्स को आपस में लड़वा दिया और गैंग्स ने एक-दूसरे को खत्म करना शुरू कर दिया. मुंबैया स्टाइल में इस गैंगवार का फायदा जिले को मिला. धीरे-धीरे गैंग का आतंक कम होने लगा और बाद में प्रीतम सिंह का आतंक इतना हो गया की गैंग उनके नाम से कांपने लगे. लेकिन 1998 की साल में प्रीतम सिंह की हत्या कर दी गयी. लेकिन करीब 18 साल बाद आज प्रीतम सिंह का नाम फिर सामने आया है.

प्रीतम ने की थी बब्बल की परवरिश
बब्बल ने दिल्ली के लाजपत नगर में एक कत्ल भी किया था, जिसमें उसे आजीवन कारवास हुआ और बाद में ऊपरी अदालत से जमानत मिल गई. बब्बल तभी से फरार हो गया था, और अब सामने आया उसका बीजेपी के नेता तेवतिया हमला कनेक्शन. बब्बल उसी सिहानी गेट थाने से गिरफ्तार हुआ है जिसमे प्रीतम सिंह की तूती बोला करती थी. बब्बल की परवरिश भीं प्रीतम सिंह ने की थी.

फिल्म गाजियाबाद में दिखाई पूरी कहानी
अब पुलिस इस बात की जांच में जुटी है की मनोज और मनीष का साथ इंस्पेक्टर प्रीतम सिंह के भांजे ने क्यों दिया. पुलिस इस बात से इनकार नहीं कर रही की अपने मामा के कत्ल का बदला लेने के लिए कही बब्बल इस AK-47 वाले गिरोह से तो नहीं मिल गया. प्रीतम सिंह की पूरी दास्तान फिल्म जिला गाज़ियाबाद में दिखाई गई थी. प्रीतम सिंह की भूमिका निभाने वाले संजय दत्त थे. जिनके बारे में कहा जाता है की उन्होंने प्रीतम सिंह पर पूरी स्टडी के बाद ही इस रोल को अदा किया था.

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