सोमवार की सुबह जब देश सो कर उठा तो एक बुरी खबर उसका इंतजार कर रही थी. पंजाब के गुरदासपुर में आतंकी हमला हो गया था. पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने पहले एक यात्री बस पर फायरिंग की इसके बाद दीनानगर थाने पर हमला कर दिया. 11 घंटे चले इस कोहराम में 13 लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही देश के खुफिया तंत्र पर भी सवाल उठने शुरू हो गए.
सोमवार अहले सुबह आतंकवादियों ने दीनानगर में घुसते ही एक टैम्पो छीनने की कोशिश की, मगर टैम्पो चालक उनका इरादा भांप चुका था. लिहाजा वो टैम्पो को स्पीड में भगा कर ले गया. मगर इसके कुछ देर बाद ही एक मारूति 800 कार गुजरी. इस बार आतंकवादियों ने कार देखते ही उसपर गोलियां बरसा दी.
कार में बैठे लोगों को जख्मी करने के बाद उन्हें कार से बाहर फेंक दिया. कार पर कब्जा कर आतंकवादी दीनानगर बस स्टैंड की तरफ बढ़े. मगर इसे किस्मत कहिए कि जैसे ही आतंकवादी कार में सवार होकर बस स्टैंड पहुंचे ठीक उसी वक्त जम्मू को जाने वाली इकलौती बस चल पड़ी. आतंकवादियों ने बस को जाता देख कार में से ही उसपर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं.
गोलियों की आवाज सुनते ही बस ड्राइवर सब कुछ समझ गया. उसने फौरन बस की स्पीड बढ़ा दी और बस को भगाते हुए ले गया. अगर आतंकवादी उस बस पर कब्जा कर लेते तो बस में सवार 75 से ज्यादा मुसाफिरों की जान खतरें मे पड़ जाती. बस को भागता देख आतंकवादी लगातार उसका पीछा करते हुए पायरिंग करते रहे. हालांकि थोड़ी ही देर में बस आतंकियों की पहुंच स दूर निकल गई. इसके बाद गुस्से में तमतमाए आतंकवादी दीनानगर पुलिस स्टेशन पहुंचे.
सुबह का वक्त था इसलिए थाने में भी ज्यादा चहल-पहल नहीं थी. सुबह करीब साढ़े छह बजे आतंकवादी थाने में फायरिंग करते हुए घुसे. गोलीबारी की आवाज सुन कर तब तक थाने के अंदर कंपाउंड में सो रहे पुलिसवाले जाग उठते हैं. कुछ ड्यूटी पर पहले से ही जाग रहे थे. इसी बीच एक पुलिसवाले ने रायफल से फायर कर आतंकवादियों को जवाब भी दिया. मगर आतंकवादी एक-47 से लगातार गोलियां बरसाते हुए थाने में घुस आए. जिससे सात पुलिस वालों की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि जेल के लॉकअप में बंद दो कैदी भी आतंकवादियों की गोली का शिकार हो गए.
आखिरकार करीब 11 घंटे की मशक्कत के बाद शाम पांच बजे के करीब सारे आतंकवादी मारे गए. इसके बाद थाने की तलाशी ली गई तो पता चला कि पूरे दीनानगर में सुबह से कोहराम मचाने वाले कुल तीन आतंकवादी थे. शुरूआती जांच के मुताबिक तीनों आतंकवादी सरहद पार से आए थे. खुद खुफिया ब्यूरो के मुताबिक उन्होंने 24 जुलाई को ही पंजाब सरकार को ये सूचना दे दी थी कि राज्य में आतंकवादी हमले हो सकते हैं. हालांकि इसपर पंजाब के मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर ऐसी सूचना थी तो आतंकवादियों को बॉर्डर पर ही रोका जाना चाहिए था.