कोविड-19 (Covid-19) से होने वाली मौत के मुआवजे को लेकर राज्य सरकारों के ढीले रवैये के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए राज्यों को फटकार लगाई है. लिहाजा महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान सरकार की ओर की जा रही हीलाहवाली पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की है.
कोविड से हुई मौत पर 50 हजार रुपये मुआवजा न देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार से कहा कि अभी तक कोविड से मारे गए लोगों के किसी भी परिजन को मुआवजा नहीं मिला है. यह हास्यास्पद है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. सरकार को तुरंत मुआवजे का भुगतान करना चाहिए.
जस्टिस एमआर शाह ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ सख्ती करेंगे. इस पर महाराष्ट्र सरकार के वकील सचिन पाटिल ने कहा कि हम जल्द ही कोर्ट के आदेश की अनुपालना पर एक हलफनामा दाखिल करेंगे. महाराष्ट्र सरकार से खासे नाराज जस्टिस शाह ने कहा कि आप उसे अपनी जेब में ही रखें और जाकर अपने सीएम को दे दें.
'प्रशासन को मानवीय बनाए राजस्थान सरकार'
सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने हर राज्य की खबर ली तो राजस्थान सरकार के रवैये पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि आप अपने प्रशासन को मानवीय बनाइए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना काल में अदालतों ने काम करने के लिए राज्य सरकारों को मजबूर किया, तब कहीं जाकर सरकारें जागीं और ऑनलाइन पोर्टल बनाए.
महाराष्ट्र ने अब तक मुआवजा नहीं दिया
बता दें कि महाराष्ट्र में कोविड काल में 1 लाख से अधिक मौतें हुईं, लेकिन केवल 37,000 आवेदन मिले. उनमें से अभी तक किसी भी पीड़ित के परिवार को मुआवजा नहीं दिया गया है. कमोवेश यही हाल पश्चिम बंगाल का है, यहां 19 हजार से ज्यादा लोगों ने कोरोना काल में अपनी जान गंवा दी थी. लेकिन मुआवजे के लिए महज 467 आवेदन मिले, जिसमें प्रशासन ने सिर्फ 110 लोगों को ही मुआवजा दिया है.
कोर्ट ने सभी राज्यों से मांगा जवाब
अगर बात राजस्थान की करें तो यहां लगभग 9 हजार मौतें हुईं, लेकिन 595 आवेदन मिले हैं, जिसमें से अभी तक किसी को भी मुआवजा नहीं दिया गया है. वहीं यूपी में 22 हजार मौतें हुई, 16,518 आवेदन मिले जबकि 9,372 को मुआवजा दिया जा चुका है. इस मामले में अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी. कोर्ट ने बाकी के राज्यों से भी जवाब मांगा है.