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कोरोना: सूरत के अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट, करीब 4 हजार गंभीर मरीज भर्ती

ऑक्सीजन की किल्लत से कई राज्य जूझ रहे हैं. गुजरात के सूरत में भी ऑक्सीजन की भारी कमी है. हालांकि केंद्र सरकार ने गुजरात को आपातकालीन उपयोग के लिए 1000 टन ऑक्सीजन प्रदान करने का भी आश्वासन दिया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सूरत में अस्पतालों में भर्ती हैं 4 हजार मरीज
  • एक हजार टन तक बढ़ी ऑक्सीजन की खपत 
  • ऑक्सीजन न मिलने पर बिगड़ सकती है लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति 

गुजरात में भी कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है. रोज आने वाले आंकड़े डरा रहे हैं, तो वहीं अब हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की किल्लत भी सामने आने लगी है. गुजरात के सूरत में डॉक्टरों का कहना है कि सिर्फ एक रात के लिए ऑक्सीजन बची है, जबकि यहां चार हजार मरीज क्रिटिकल कंडीशन में हैं. ये रात गुजर गई है यानी आज के हालात काफी चिंताजनक माने जा रहे हैं. ये स्थिति तब है, जब गुजरात के लिए एक महीने में 13 गुना ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाकर 1000 टन कर दिया गया है. 

कोरोना के दैनिक मामलों में दर्ज की जाने वाली वृद्धि के बाद गुजरात के अस्पतालों के सामने ऑक्सीजन को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है. गुजरात में ऑक्सीजन की कमी को लेकर होने वाली परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऑक्सीजन को लेकर हंगामा मचा हुआ है. सरकार के साथ साथ कई सामाजिक संगठन से जुड़े लोग कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन का सिलेंडर मुहैया करवा रहे हैं.

गुजरात में सिर्फ एक महीने के दौरान ऑक्सीजन की खपत 13 गुना बढ़ गई है, जहां एक महीने पहले प्रति माह केवल 75 टन ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता था, अब यह बढ़कर 1000 टन हो गया है. केंद्र सरकार ने गुजरात को आपातकालीन उपयोग के लिए 1000 टन ऑक्सीजन प्रदान करने का भी आश्वासन दिया है. इसके साथ ही अस्पतालों ने निजी वाहनों को किराए पर लेना और ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए ऑक्सीजन संयंत्रों को भेजना शुरू कर दिया है.

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गुजरात के विभिन्न शहरों में ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मच गया है. मरीजों के रिश्तेदारों, अस्पताल के अधिकारी और सरकार ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में कमर तोड़ मेहनत कर रहे हैं. वहीं सूरत में कोरोना मरीजों की स्थिति और बिगड़ सकती है.

ये कहना है सूरत शहर के तमाम हॉस्पिटल के डॉक्टरों का. सूरत के डॉक्टरों की सोमवार को जिला कलेक्टर के साथ बैठक हुई. डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि उनके पास ज्यादा से ज्यादा 12 घंटे तक की ही ऑक्सिजन है. लिहाजा समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली तो शहर में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है.  

बता दें सूरत के कई बड़े अस्पतालों में महाराष्ट्र की लिंडे कंपनी से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही थी, लेकिन कंपनी ने पिछले दो दिनों से ऑक्सीजन सप्लाई करने में कटौती कर दी और अब सप्लाई रोक दी है. ऐसे में अस्पतालों के पास आवश्यकता के लिहाज से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं बची है. सूरत शहर के विभिन्न अस्पतालों में तकरीबन 4000 से ज्यादा क्रिटिकल मरीज भर्ती हैं, जो ऑक्सीजन पर हैं. ऐसे में अचानक से ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाने से सूरत के अस्पतालों के लिए बड़ी मुसीबत आन पड़ी है.

उधर, जिला प्रशासन और स्थानीय भाजपा विधायक हर्ष संघवी डॉक्टरों के साथ बैठक कर समस्या का हल निकालने में जुटे हैं. विधायक की मानें तो ऑक्सीजन की कमी को दूर करने की व्यवस्था के साथ ही आर्लसेल मित्तल कंपनी में ऑक्सीजन युक्त 250 बेड तैयार किया जा रहा है.  सूरत में कोरोना के कहर के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई खत्म हो रही है. ऐसे में अब डॉक्टरों के साथ जिला प्रशासन पर जिंदगियां बचाने की बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी है.

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