
कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में जब से तबाही मचाना शुरू किया है, तभी से ही एक चीज़ की जरूरत सबसे ज्यादा होने लगी है वह है ऑक्सीजन. देश को ऑक्सीजन सप्लाई करने के मामले में इस वक्त ओडिशा अगुवाई कर रहा है. यहां राउरकेला स्थित SAIL का स्टील प्लांट देश के अलग-अलग हिस्सों में मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए जी-जान लगाए हुए है.
सिर्फ अप्रैल और मई (अभी तक) ही इस प्लांट से 4808.25 टन लिक्विड ऑक्सीजन देश के दस राज्यों को भेजी जा चुकी है, जिसमें गृह राज्य ओडिशा भी शामिल है. यहां से ऑक्सीजन के टैंकर्स भरकर ट्रेनों पर चढ़ाए जाते हैं, जो ओडिशा, दिल्ली, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भेजे जा रहे हैं.
रेल मंत्रालय की ओर से पहले ही ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई जा रही है. ओडिशा के राउरकेला से लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई लगातार की जा रही है और कोरोना काल के इस वक्त में संजीवनी का काम कर रही है.

सामान्य दिनों में राउरकेला के इस प्लांट में तीन यूनिट ऑक्सीजन प्रोडक्शन का काम देखती हैं, लेकिन अब जब कोरोना काल में देश को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी है तब दो और यूनिट को इसमें जोड़ा गया है जिसका मुख्य फोकस मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन बनाना ही है.
राउरकेला स्टील प्लांट के चीफ PRO धीरेंद्र मिश्रा के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अगुवाई में प्लांट ने ऑक्सीजन प्रोडक्शन के काम को बढ़ाया है, जिसके जरिए देश के अलग-अलग शहरों में सप्लाई की जा रही है. प्लांट ना सिर्फ ऑक्सीजन के प्रोडक्शन बल्कि लोडिंग, सप्लाई पर भी ध्यान दे रहा है, ताकि किसी को दिक्कत ना आए.
सिर्फ ऑक्सीदन सप्लाई ही नहीं, बल्कि प्लांट की ओर से एक 500 बेड का कोविड स्पेशल अस्पताल भी तैयार किया जा रहा है, जो ओडिशा सरकार की सहायता से बन रहा है, ताकि कोरोना के संकट से निपटा जा सके.