
दुनिया भर के देश कोरोना के कहर से तबाही झेल रहे हैं. भारत उनमें से सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों वाला देश बन गया है. आलम ये है कि दुनिया में हर 5 में से एक एक्टिव मरीज भारत में है. इस समय पूरी दुनिया में 1.93 करोड़ एक्टिव मरीज हैं, वहीं भारत में एक्टिव मरीजों की संख्या 36.45 लाख है. ऐसे में दुनिया का हर 5वां कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीज भारत से है. सबसे ज्यादा कोरोना मामलों की बात करें तो अमेरिका के बाद भारत दूसरे नंबर पर है. अमेरिका में कोरोना के कुल मामले 3.26 करोड़ हैं. वहीं, भारत में यह आंकड़ा 2.14 करोड़ है.
कोरोना वायरस संक्रमण के विश्वभर के आंकड़े....
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्राल्य द्वारा शुक्रवार सुबह जारी कोरोना के आंकड़े...
पश्चिम बंगाल में बढ़ा संक्रमण दर
देश में सबसे ज्यादा संक्रमण वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल भी शामिल हो गया है. पश्चिम बंगाल में 15 अप्रैल को संक्रमण दर 16 फीसदी था, जो 3 मई तक बढ़कर 31 फीसदी के पार जा पहुंचा है. यह तब है जब राज्य में टेस्टिंग बढ़ाई गई है. 15 अप्रैल को बंगाल में करीब 42,000 सेंपल टेस्ट किए गए थे, जो 3 मई को बढ़कर करीब 55,000 हो गए.
पश्चिम बंगाल उन कई राज्यों में से एक है जहां पिछले 20 दिनों में टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट (कुल टेस्टिंग में कोरोना पॉजिटिव मिलने वाले लोगों की संख्या का अनुपात) में भारी वृद्धि हुई है. एक सप्ताह में 20 प्रतिशत से ज्यादा टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट वाले 9 प्रमुख राज्यों में पश्चिम बंगाल और दिल्ली शामिल है, जहां 3 मई को समाप्त सप्ताह में 30 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट रही है. यानी इन राज्यों में जितने लोगों ने टेस्ट कराया उनमें से 30 फीसदी लोग संक्रमित मिले.

पिछले दो हफ्तों के साप्ताहिक औसत की बात करें तो छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा रही है. चिंता की बात ये है कि इन राज्यों में पॉजिटिविटी रेट लगातार एक जैसा बना हुआ है और इसमें किसी प्रकार की गिरावट देखने को नहीं मिल रही है. वहीं, असम, गोवा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में पिछले एक सप्ताह में पॉजिटिविटी रेट बढ़ी है.
इन 10 राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस
'दो हफ्ते का संपूर्ण लॉकडाउन जरूरी'
दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने उन राज्यों में लॉकडाउन के विचार का समर्थन किया, जहां पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक है या जहां अस्पतालों में 60 प्रतिशत कोविड-19 बेड भर चुके हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि लॉकडाउन दो सप्ताह तक चलना चाहिए.
23 राज्यों में 10 फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर
10 प्रतिशत से अधिक साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट वाले राज्यों और कुछ केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. यानि इन राज्यों में जितने लोगों की टेस्टिंग हुई है उसमें से 10 फीसदी लोग कोरोना की चपेट में आए हैं.

मेदांता के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा, 'मैं एक सीमित अवधि के लिए राष्ट्रीय लॉकडाउन के पक्ष में हूं और फिर उसके असर को देखते हुए जहां आवश्यक हो, वहां इसे बढ़ाने के पक्ष में हूं.'
बता दें कि कोरोना के ट्रांसमिशन की श्रृंखला को तोड़ने के लिए हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे कई राज्य पहले से ही सख्त लॉकडाउन की घोषणा कर चुके हैं. वहीं, कुछ राज्यों ने आंशिक लॉकडाउन की घोषणा की है.
देश में टेस्टिंग की संख्या लगातार हो रही कम, दिल्ली भी इसमें शामिल
देश में कोरोना की 2 करोड़ टेस्ट होने के बाद कोरोना टेस्टिंग का आंकड़ा धीरे-धीरे गिरता चला आ रहा है. 29 अप्रैल को, भारत में 19.2 लाख टेस्टिंग हुई और इसी तरह 30 अप्रैल को, 19.45 लाख सैंपल का टेस्ट किया गया. इन दो दिनों में पहली बार देश में टेस्टिंग संख्या का आंकड़ा 19 लाख के पार पहुंचा था. लेकिन इसके बाद से रोज होने वाली टेस्टिंग की संख्या में गिरावट देखी गई है.
भारत ने 6 मई को 4,14,188 दैनिक मामले दर्ज किए, जो एक वैश्विक रिकॉर्ड है. और यह तब है जब देश में कोरोना टेस्टिंग की संख्या में गिरावट हुई है. देश में 6 मई को 18.26 लाख टेस्ट किए गए जो कि 30 अप्रैल की तुलना में 1 लाख कम है.
इस दौरान 10 लाख से ज्यादा कोरोना मामले वाले ऐसे राज्यों में दिल्ली भी शामिल है जहां कोरोना टेस्टिंग की संख्या में लगातार गिरावट जारी है. दिल्ली में पिछले 7 दिनों में औसतन लगभग 75,000 कोरोना टेस्ट किए हैं, जबकि अप्रैल के मध्य में यह संख्या 95,000 के करीब थी.
वहीं, पिछले एक सप्ताह में तेलंगाना, गुजरात, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में भी रोजाना हो रही टेस्टिंग में कमी आई है. पिछले सात दिनों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि होने के बावजूद, तेलंगाना ने पिछले 7 दिनों में कोरोना टेस्टिंग में 1.06 लाख नमूनों को घटाकर 79,000 के करीब कर दिया है. इसी तरह, गुजरात में भी रोजाना टेस्टिंग में 13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. पिछले सप्ताह की तुलना में, बिहार और झारखंड में भी रोज होने वाले टेस्टिंग की संख्या को क्रमशः 6.5 प्रतिशत और 3.5 प्रतिशत तक कम किया है.

दक्षिण के राज्यों में बढ़ी टेस्टिंग
एक तरफ जहां मैदानी इलाकों वाले मध्य भारत के राज्यों में लगातार टेस्टिंग की संख्या में गिरावट देखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर दक्षिण भारत के राज्यों ने कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ा दी है. आंध्र प्रदेश ने पिछले 7 दिनों में टेस्टिंग की संख्या को 50,000 से बढ़कर करीब 93,000 तक कर दिया है.
अन्य दक्षिणी राज्यों जैसे तमिलनाडु और केरल ने भी टेस्टिंग बढ़ाई है. उदाहरण के लिए, तमिलनाडु ने केवल एक सप्ताह में टेस्टिंग को औसतन 1.18 लाख से बढ़ाकर 1.39 लाख कर दिया है. इसी तरह, केरल ने पिछले 7 दिनों में लगभग 1.34 लाख नमूनों का परीक्षण किया है, जो कि एक सप्ताह पहले 12,500 नमूनों के करीब था.
पॉजिटिविटी रेट अभी भी हाई
लगातार टेस्टिंग में गिरावट के बाद भी टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट (TPR) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. पिछले 7 दिनों में TPR बढ़ा ही है. 3 मई को समाप्त हुए सप्ताह में, भारत का टीपीआर 21.6 प्रतिशत था. जो कि इससे पहले 20.1 प्रतिशत था. यानी एक हफ्ते में टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट (TPR) 1.5 प्रतिशत बढ़ गया.