शिक्षकों के रुके वेतन पर सुनवाई
आज होने वाली सुनवाई में नॉर्थ एमसीडी को कोर्ट में अपना हलफनामा देकर ये साफ करना है कि उसने पिछले 1 हफ्ते के दौरान कितने शिक्षकों को कितना वेतन दे दिया है. यह भी मुमकिन है कि आज की सुनवाई में नॉर्थ एमसीडी एक बार फिर फंड ना होने का बहाना बनाकर शिक्षकों को वेतन देने से पल्ला झाड़ ले.
इससे पहले 18 जून को हुई सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि किसी भी हाल में शिक्षकों का वेतन नहीं रोका जाना चाहिए. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान एमसीडी के बाकी और कर्मचारियों के वेतन को नहीं रोका गया है तो फिर फंड की कमी का तर्क देकर शिक्षकों के वेतन को रोके जाने पर कोर्ट तल्खी दिखा सकता है.
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एमसीडी के शिक्षकों ने हाईकोर्ट में दी है याचिका
नॉर्थ दिल्ली के एमसीडी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के संगठन अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ के द्वारा यह याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गई थी. हाईकोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी से कहा कि आखिर शिक्षक ही क्यों अपना वेतन पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाएं. इससे पहले 12 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों की तनख्वाह को भी 24 जून तक देने के आदेश दिए थे. तनख्वाह ना मिलने पर डॉक्टरों ने अस्पतालों में हड़ताल तक करने की चेतावनी दे दी थी.
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वेतन के लिए अदालत जाते रहे हैं शिक्षक
नॉर्थ एमसीडी में शिक्षकों का वेतन रोके जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी शिक्षकों ने वेतन के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और समय-समय पर कोर्ट के आदेश के बाद ही शिक्षकों को वेतन मिल सका है.
एमसीडी का तर्क होता है कि उसका फंड दिल्ली सरकार समय पर रिलीज नहीं करती. जबकि दिल्ली सरकार कहती है कि उन्हें केंद्र सरकार से ही फंड नहीं मिलता है.