दिल्ली की जेल में कोरोना की वजह से यह दूसरी मौत है. पूर्व विधायक महेंद्र यादव की शनिवार को इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई. 1984 के दंगों (CBI केस) के दोषी महेंद्र यादव (70 वर्ष) पुत्र तेज राम यादव मंडोली के जेल नंबर 14 में 10 साल की सजा काट रहे थे.
पिछले महीने भी कोरोना से हुई थी कैदी की मौत
इससे पहले एक अन्य कैदी कंवर सिंह की मृत्यु 15 जून को सोते वक्त हुई थी. वह मंडोली के जेल नंबर 14 में बंद थे और सोने के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी. बाद में जांच किए जाने पर 19 जून को वह कोरोना पॉजिटिव निकले.
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कंवर सिंह के साथ बैरक साझा करने वाले सभी 29 कैदियों (ज्यादातर वरिष्ठ नागरिकों) को कोविड-19 के लिए टेस्टिंग की गई थी. इन 29 में से 17 कैदी 20 जून को कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जबकि 12 की रिपोर्ट निगेटिव आई थी.
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निगेटिव रिपोर्ट वाले 12 कैदियों का 5 दिन बाद 25 जून को फिर से टेस्ट कराया गया जिसकी रिपोर्ट 26 जून को आई और इनमें से महेंद्र यादव समेत 3 और लोग पॉजिटिव निकले.
इस बीच, 26 जून को दिन के समय में, महेंद्र यादव ने बेचैनी और हर्ट में तकलीफ की शिकायत की तो उन्हें डीडीयू अस्पताल में भेजा गया. उन्हें उसी दिन डीडीयू अस्पताल से एलएनजेपी के लिए रेफर कर दिया गया, जहां उन्हें भर्ती कर लिया गया.
बाद में, महेंद्र यादव के परिवार के अनुरोध पर, उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित (पुलिस गार्ड के तहत) करने की अनुमति दी गई. 30 जून को वह निजी अस्पताल में भर्ती हुए और 4 जुलाई को उनका निधन हो गया.
हाई कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में साउथ दिल्ली के पालम कॉलोनी के राजनगर इलाके में 1 और 2 नवंबर 1984 को 5 सिखों की हत्या और एक गुरुद्वारे को जलाने के मामले में महेंद्र यादव को दिल्ली हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
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हाई कोर्ट ने दिसंबर 2018 में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के साथ पूर्व विधायक महेंद्र यादव को भी दोषी करार दिया था. हाई कोर्ट में महेंद्र यादव की नियमित जमानत अर्जी पर अगले महीने अगस्त में सुनवाई होनी थी.
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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख दंगा मामले में दोषी पूर्व विधायक महेंद्र यादव की अंतरिम जमानत की अर्जी पर विचार करने से इनकार कर दिया था. महेंद्र यादव ने कोरोना महामारी से संक्रमित होने की वजह से आईसीयू में भर्ती होने के आधार पर अंतरिम जमानत की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी.
महेंद्र यादव की उम्र 70 साल से ज्यादा थी और मंडोली जेल में 26 जून को उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. महेंद्र के साथ रहने वाले एक और कैदी की भी कोरोना के ही कारण मृत्यु हो चुकी है.