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कोरोना टीकों को मंजूरी मिलने पर CSIR महानिदेशक बोले- आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

देश में बनी दो कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गयी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत के इस फैसले का स्वागत किया है.

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जल्द होगा कोरोना वैक्सीनेशन (फोटो- एएनआई)
जल्द होगा कोरोना वैक्सीनेशन (फोटो- एएनआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोविड-19 के दो टीकों को मिली मंजूरी
  • ऑक्सफोर्ड और भारत बायोटेक के टीके को मंजूरी
  • एक साथ मार्केट में आएगी दोनों वैक्सीन

कोरोना के लिहाज से साल 2021 की शुरुआत अच्छी रही है. देश में बनी दो कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गयी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत के इस फैसले का स्वागत किया है. वहीं वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) महानिदेशक डॉ शेखर मांडे ने इन दोनों स्वदेशी वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने को लेकर खुशी जाहिर की है.

आजतक से बात करते हुए शेखर मांडे ने कहा कि विज्ञान जगत और स्वास्थ्य जगत के लिए यह बड़ा कदम है. जिस तरीके से सभी वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने कोरोना की वैक्सीन तैयार करने के लिए साथ मिलकर काम किया और इस मुश्किल वक्त में दिखाया कि मिलकर बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है. 

उन्होंने कहा, 'भारत के लिए यह गौरव का समय है. जिस तरह से अंतरिक्ष में रॉकेट छोड़ा जाता है, ये भी उसी तरह की कामयाबी है. यह आत्मनिर्भरता की ओर एक बहुत बड़ा कदम है. इतने कम समय में वैज्ञानिकों ने जिस तरह का काम किया है, वह सराहनीय है. आनेवाले सालों में जब 2020 को याद किया जाएगा. और 2021 की बात की जाएगी कि कैसे समाज के सभी वर्गों के लोगों ने कोरोना चुनौती का मिलकर मुकाबला किया. इतिहास में इसे सुनहरा दिन माना जाएगा.

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वहीं तीसरे फेज के ट्रायल के बगैर ही कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने वाले सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि सभी देशों मे वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने की अपनी अपनी प्रक्रिया होती है. आम तौर पर फेज वन, फेज टू और फेज थ्री के ट्रायल के बाद वैक्सीन कंपनियां रिजल्ट को लेकर रेगुलेटर के पास जाती हैं. रेगुलेटर अपना एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट पैनल बनाता है. यह टीम डाटा का गहराई से अध्ययन करती है. वो देखने के बाद ही वो ड्रग कंट्रोलर को दवाई की सिफारिश करते हैं. कभी-कभी जब महामारी जैसे हालात होते हैं तो फेज थ्री के शुरुआती रिजल्ट को देखने के बाद भी उन्हें मंजूरी मिल जाती है. अमेरिका में रेमडेसिविर को भी इसी आधार पर मंजूरी मिली थी, क्योंकि उसके शुरुआती रिजल्ट काफी अच्छे थे. इसलिए हमलोगों को भी भरोसा करना चाहिए कि अगर वैक्सीन को मंजूरी मिली है तो उसके रिजल्ट सही होंगे. इसपर संदेह करने की जरूरत नहीं है. 

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डॉ शेखर मांडे ने कहा कि ऑक्सफोर्ड और भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके दोनों एक साथ बाजार में आएगी. मेरा मानना है कि सरकार ने वैक्सीन बांटे जाने को लेकर पहले से ही एक व्यवस्था बनाई हुई है. तो हम लोगों को सरकार पर भरोसा करना चाहिए. 

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बता दें, भारत के औषधि नियामक ने रविवार को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके 'कोवैक्सीन' के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का रास्ता साफ हो गया है.

केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी प्रदान की है. 

डीसीजीआई डॉ वी जी सोमानी ने कहा, 'सीडीएससीओ ने पर्याप्त अध्ययन के बाद विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है और तदनुसार मैसर्स सीरम और मैसर्स भारत बायोटेक के टीकों के आपात स्थिति में सीमित उपयोग के लिए स्वीकृति प्रदान की जा रही है.' इससे आने वाले दिनों में भारत में कम से कम दो टीकों के जारी होने का रास्ता साफ हो गया है. 


 

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