
देश में कोरोना की दूसरी लहर आ चुकी है, ये तय है. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि महीनेभर पहले तक देश में जहां हर दिन 15 हजार के आसपास मरीज मिल रहे थे, वहीं अब रोजाना 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आने लगे हैं. महाराष्ट्र तो कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है ही, साथ में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी संक्रमण बढ़ रहा है, जहां अभी चुनाव चल रहे हैं.
पिछले दो हफ्तों में बंगाल में नए मामले 6 गुना तक बढ़ गए. दो हफ्ते पहले जहां 368 नए मामले सामने आ रहे थे, अब 1,957 मामले सामने आ रहे हैं. इसी तरह तमिलनाडु में भी पिछले दो हफ्तों में रोज आने वाले केस 1,385 से 3,581 तक बढ़ गए. कर्नाटक में 1,445 से 4,553 केस बढ़ गए. केरल, असम और पुड्डुचेरी में भी नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भी हालात बिगड़ने लगे हैं. वहां पिछले दो हफ्तों में रोज आने वाले मामले 538 से 4,136 तक बढ़ गए हैं. इसी तरह का ट्रेंड दिल्ली में भी दिख रहा है. वहां भी दो हफ्तों में रोज आने वाले मामले 888 से 3,145 तक पहुंच गए. वहां पिछले दो हफ्तों में रोज आने वाले नए मामलों में 4 गुना बढ़ोतरी हुई है.
जिन राज्यों में चुनाव, वहां टेस्टिंग ही घट गई
डेली टेस्टिंग का डेटा बताता है कि जिन राज्यों में चुनाव चल रहे हैं, वहां पर कोरोना टेस्टिंग में कमी आई है. उदाहरण के तौर पर, अप्रैल के पहले हफ्ते में असम में 12,000 के आसपास टेस्ट ही हो रहे हैं, जबकि जनवरी के पहले हफ्ते में हर दिन 20,500 टेस्ट हो रहे थे. इसका नतीजा ये रहा कि यहां नए मामलों में कमी आने लगे. जनवरी के पहले हफ्ते में असम में औसतन 72 मरीज रोज मिल रहे थे, जिनकी संख्या अप्रैल में घटकर 69 पर आ गई. हालांकि, पिछले दो हफ्तों में राज्य में नए मामलों में उछाल आया है.

इंडिया टुडे डेटा इंटेलिजेंस यूनिय (DIU) ने जब पिछले चार महीनों के केस और टेस्टिंग के डेटा का एनालिसिस किया, तो पता चला कि केरल में भी नए मामलों में भारी गिरावट आई है. क्योंकि यहां भी टेस्ट घटा दिए गए. जनवरी के पहले हफ्ते में केरल में जहां रोज 5,000 नए मामले सामने आ रहे थे, वहीं अप्रैल के पहले हफ्ते में रोज 3,000 मामले सामने आ रहे हैं. केरल में भी पिछले दो हफ्तों में केस बढ़े हैं.
वहीं, दूसरी तरफ बंगाल में टेस्टिंग घटाने के बावजूद नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जनवरी के पहले हफ्ते में यहां रोज 1,150 मामले सामने आ रहे थे, वहीं अप्रैल के पहले हफ्ते में यहां 1,950 मामले दर्ज हुए. हालांकि, तमिलनाडु में टेस्टिंग भी बढ़ रही है और मामले भी बढ़ रहे हैं.

हालांकि, कोरोना का एपिसेंटर अभी भी महाराष्ट्र ही बना हुआ है, जहां 5 अप्रैल को 57,000 से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए. कोरोना को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कई पाबंदिया भी लगा दी हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सोमवार (5 अप्रैल) को देशभर में कोरोना के 1,03,558 नए मामले सामने आए. अब तक देश में 1.25 करोड़ से ज्यादा मामले आ चुके हैं. रोज आने वाले नए मामलों ने पिछले साल आए कोरोना के पीक को भी क्रॉस कर लिया है. ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कम हो रही है, जिससे एक्टिव केस बढ़ रहे हैं. इस बार इन्फेक्शन रेट भी बहुत ज्यादा है. पिछले एक हफ्ते में डेली केस 52% की रफ्तार से 68 हजार से 1 लाख के पार पहुंच गए हैं. जबकि, पिछले साल अगस्त में इतने मामले 9% की ग्रोथ में बढ़े थे.