कोरोना वायरस की बेकाबू होती रफ्तार हर किसी की चिंता बढ़ा रही हैं. कई राज्य सरकारें अबतक नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन या संपूर्ण लॉकडाउन जैसे सख्त कदम भी उठा चुकी हैं. लेकिन कोरोना की रफ्तार में कमी नहीं आई है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें लोकलाइज्ड पाबंदियां लगाने पर जोर देने की बात कही गई है.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को लिखी चिट्ठी में कहा है कि राज्यों को जिला या शहर स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाने पर फोकस करना चाहिए. यहां पर 14 दिनों की पाबंदियां लगाकर कोरोना के कहर को धीमा करने की कोशिशें करनी चाहिए.
कब और किस तरह की पाबंदियां लगाने को कहा गया?
इस तरह की सख्ती कहां पर बरती जाए, इसके बारे में भी गृह मंत्रालय ने बताया है. ऐसे क्षेत्र जहां पर पॉजिटिविटी रेट लगातार एक हफ्ते तक 10 फीसदी से ऊपर रहे. या अस्पतालों में मौजूद बेड्स 60 फीसदी से अधिक तक भर जाएं.
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सलाह दी गई है कि ऐसे इलाकों की पहचान कर कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं और 14 दिनों की पाबंदियां लगाई जाएं, ये निर्णय स्थानीय स्तर के अधिकारी परिस्थिति को देखकर ही लें. इस दौरान पूरे क्षेत्र में पाबंदी लगाई जाए, नाइट कर्फ्यू को लगा दिया जाए. किसी भी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम पर पाबंदी हो.
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अगर उस इलाके में कोई शादी है तो 50 लोगों को अनुमति मिले, अंतिम संस्कार में 20 लोगों को अनुमति मिले. इलाके के शॉपिंग मॉल, बाजार, कॉम्प्लेक्स आदि को बंद करने का फैसला लिया जाए. पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 50 फीसदी सवारी की इजाजत हो, हालांकि अंतरराज्यीय यात्रा पर रोक ना हो. किसी भी इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित करने से पहले अनाउंसमेंट जरूर करें, ताकि लोगों को जानकारी हो सके.
इन पाबंदियों के अलावा कंटेनमेंट जोन इलाके में सभी की टेस्टिंग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि अगर कोई पॉजिटिव है तो उसे क्वारनटीन किया जा सके. वहीं वैक्सीनेशन सेंटर बनाकर 100 फीसदी वैक्सीनेशन किया जाए. इसके अलावा जरूरी सेवाओं को छूट देने और हर व्यक्ति को मास्क पहनने के निर्देश भी दिए गए हैं.
गौरतलब है कि कोरोना की बढ़ती रफ्तार के कारण राज्य लॉकडाउन लगाने पर मजबूर हो रहे हैं, जिसके कारण लोगों के जीवनयापन पर फिर से असर पड़ने लगा है. ऐसे में अब एक्सपर्ट के द्वारा कंटेनमेंट जोन पर फोकस करने की अपील की जा रही है.