दिल्ली में कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है. जनवरी के शुरुआती 11 दिन में कोरोना के इतने मरीजों की मौत हुई है कि कब्रिस्तान में लाश दफनाने के लिए जगह कम पड़ गई है.
11 दिन में दिल्ली में कोरोना के 93 मरीजों की मौत हुई है. पिछले तीन दिन में ये रफ्तार ज्यादा तेज रही है, इस दौरान कोरोना के 57 मरीजों की मौत हुई है. यानी पिछले 3 दिन में रोजाना करीब 20 मरीजों की मौत हुई है. दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के दिल्ली में 21,259 मामले सामने आए हैं.
आईटीओ स्थित दिल्ली से सबसे बड़े कब्रिस्तान जदीद कब्रिस्तान अहले इस्लाम दिल्ली गेट के सेक्रेटरी शमीम अहमद खान ने कहा है कि अब कोविड की बॉडी को नहीं दफना रहे हैं क्योंकि यहां अब जगह नहीं है. शमीम ने कहा कि पिछले 2 सालों में पुरानी कब्र को समतल कराके पूरे दिल्ली के लिए जगह खोल दी थी. उस समय सिर्फ दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों से शवों को लाकर दफनाया जा रहा था. उन्होंने कहा कि कब्रिस्तान में नॉन-कोविड के लिए तो जगह है लेकिन कोविड के लिए जगह नहीं बची है.
शमीम का कहना है कि अब सरकार को किसी और जगह पर कोविड शवों को दफनाने की इजाजत देनी चाहिए. दिल्ली में मंगोलपुरी स्थित 2 एकड़ में फैला मुस्लिम कब्रिस्तान, शास्त्री पार्क स्थित बुलंद मस्जिद मुस्लिम कब्रिस्तान (1 एकड़), कोंडली के पास मुल्ला कॉलोनी मुस्लिम कब्रिस्तान (ढ़ाई एकड़) में भी शव दफनाए जाते हैं लेकिन सबसे बड़ा कब्रिस्तान होने की वजह से अस्पतालों से ज्यादा शव यहीं दफनाने के लिए लाए जाते हैं.
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के सबसे बड़े श्मसान घाट नेगम बोध के इंचार्ज सुमत कुमार ने कहा कि भले ही मौतों का आंकड़ा बढ़ा हो लेकिन श्मशान घाटों पर अभी कोई दबाव नहीं है. फिर भी कोविड प्रोटकॉल और डीडीएमए के तहत श्मशान घाटों पर तैयारियां हैं.