देश में कोरोना के केस (Corona cases) कम तो हो रहे हैं लेकिन कुछ पॉकेट्स ऐसे हैं जहां आज भी पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है. भारत के 77 हाई पॉजिटिविटी जिलों में से 62 प्रतिशत से ज्यादा पूर्वोत्तर में है. यानी कि 77 हाई पॉजिटिविटी जिलों में से 48 जिले पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में है. इन आंकड़ों का हासिल यही है कि कोरोना वायरस पूर्वोत्तर में खत्म नहीं हुआ है बल्कि वहां इसका संक्रमण बढ़ रहा है.
10 फीसदी से ज्यादा संक्रमण
देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए ये निश्चित रूप से चिंता का विषय है. इंडिया टुडे को मिले आंकड़ों के अनुसार देश का साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 2.40 प्रतिशत है और रोजाना का पॉजिटिविटी रेट पिछले 28 दिनों से 5 प्रतिशत से कम रहा है. लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर से निगाह डाली जाए तो पता चलता है कि वैसे जिले जहां 10 फीसदी से ज्यादा संक्रामक दर रिपोर्ट की जा रही है वैसे जिले 77 तक चले गए हैं.
इसके बाद सरकार लगातार कह रही है कि सेकेंड वेव खत्म नहीं हुई है. नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा है कि तब तक कोई सुरक्षित नहीं है जबतक कि पूरा देश सुरक्षित नहीं है. उन्होंने पिछले शुक्रवार को कहा था कि देश में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के मामलों की संख्या 12 राज्यों में 56 हो गई है.
इन जिलों को लेकर है चिंता
अरुणाचल प्रदेश के 19 जिलों से आ रहे आंकड़े सरकार की चिंता बढ़ा रहे हैं. यहां पर संक्रमण दर 10 फीसदी है. इसका मतलब यह है कि अगर यहां 100 लोगों का कोरोना टेस्ट किया जाता है तो इसमें से 10 व्यक्ति पॉजिटिव निकलते हैं.
मणिपुर में 10 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले 8, मेघालय में 7, नगालैंड में 4 ऐसे जिले हैं. असम को थोड़ी राहत है और यहां ऐसे 2 जिले हैं. सिक्किम और त्रिपुरा में ऐसे 4-4 जिले हैं जहां संक्रमण दर 10 फीसदी से ज्यादा है.
अरुणाचल प्रदेश का ईस्ट कामेंग जिले में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है. यहां का पॉजिटिविटी रेट 86.67% है.
पिछले सप्ताह 71 जिले ही थे दायरे में
बता दें कि गुजरे सप्ताह (जून 23-29) 16 राज्यों के 71 जिले ऐसे थे जहां पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी थी लेकिन अब इस सूची में 6 और जिले जुट गए हैं इसके साथ ही इनकी संख्या 77 हो गई है.