केंद्र सरकार और जायडस कैडिला कंपनी के बीच कोविड-19 वैक्सीन के खरीद मूल्य को लेकर बातचीत चल रही है. जायडस कैडिला डीएनए वैक्सीन बच्चों और वयस्क दोनों को दी जा सकेगी.
सरकारी सूत्रों का कहना है कि इसकी एक डोज की कीमत 300 रूपये हो सकती है. इस कीमत पर सरकार कंपनी से वैक्सीन खरीदेगी और सरकारी केंद्रों पर इसे उपलब्ध कराएगी.
हालांकि, फाइनल रेट अगले सप्ताह तक स्पष्ट होने के आसार हैं. सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकारी केंद्रों के लिए जायडस कैडिला वैक्सीन की दर को लेकर सरकार और कंपनी के बीच अभी बातचीत चल रही है.
सरकार इससे पहले कोवैक्सीन ₹157.50 पर और कोविशील्ड ₹225.75 पर लेकर आयी थी. दोनों वैक्सीन की दो डोज दी जाती है. जिसके मुताबिक प्राइवेट केंद्रों पर कोवैक्सीन 1410 रुपये और कोविशील्ड के लिए 700 रुपये चुकाने पड़ते हैं.
पिछले हफ्ते स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि वयस्क और बच्चों के लिए दी जाने वाली जायडस कैडिला वैक्सीन की दर अलग अलग होगी. फिलहाल रेट को लेकर अंतिम दौर की बातचीत चल रही है. सरकारी केंद्रों और प्राइवेट केंद्रों के लिए वैक्सीन की दर अलग अलग होगी. दूसरे वैक्सीन के रेट भी अलग अलग ही थे. प्राइवेट संस्थानों में जायडस के रेट अलग अलग हो सकते हैं.
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इस वैक्सीन को देने के लिए एक सुई रहित जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी कीमत 30 हजार रुपये है. एक जेट इंजेक्टर का उपयोग लगभग 10 हजार खुराक देने के लिए किया जा सकता है. इससे एक बार में 10 खुराक दी जा सकती है. भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D कई मायनों में खास है. इसकी एक या दो नहीं बल्कि तीन खुराक लेनी होंगी. साथ ही साथ यह नीडललेस है, मतलब इसे सुई से नहीं लगाया जाता. इसकी वजह से साइड इफेक्ट के खतरे भी कम रहते हैं.
जायडस कैडिला ने 1 जुलाई को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी. जायडस का कोरोना टीका 66 फीसदी प्रभावी बताया जाता है. जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन पहली पालस्मिड DNA वैक्सीन है. इसके साथ-साथ इसे बिना सुई की मदद से फार्माजेट तकनीक (PharmaJet needle free applicator) से लगाया जाएगा, जिससे साइड इफेक्ट के खतरे कम होते हैं. बिना सुई वाले इंजेक्शन में दवा भरी जाती है, फिर उसे एक मशीन में लगाकर बांह पर लगाते हैं. मशीन पर लगे बटन को क्लिक करने से टीका की दवा अंदर शरीर में पहुंच जाती है.