प्रो. सिमोन ने बताया कि एंटीबॉडी वायरस के ऊपर हमलाकर के उनसे चिपक जाती हैं. इससे वायरस या तो मारा जाता है या फिर शरीर की कोशिकाओं पर उतनी ताकत से हमला नहीं कर पाता, जितनी ताकत से उसे करना चाहिए. हालांकि अभी इस एंटीबॉडी का क्लीनिकल ट्रायल होना बाकी है. उसके बाद ही कुछ कहना ठीक होगा. लेकिन अभी तक के परीक्षण तो सफल और नतीजे सकारात्मक रहे हैं. (फोटोः रॉयटर्स)