कोरोना संकट के बीच प्रभावित लोगों की मदद के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. गुरुवार को वित्त मंत्रालय ने एक तरह से लेखा-जोखा पेश किया, जिसमें बताया गया कि सरकार ने कोरोना का प्रभाव कम करने के लिए गरीबों पर अब तक कितना खर्च किया है.
आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 33 करोड़ से अधिक गरीबों को 31,235 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है. जिसमें से 20.05 करोड़ महिलाओं के जनधन खातों में 10,025 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं. लगभग 2.82 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांग व्यक्तियों को 1405 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
सरकार ने कहा कि इस महीने PM-किसान योजना की पहली किस्त के तहत 8 करोड़ किसानों को 16,146 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. वहीं 2.17 करोड़ बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को 3497 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी गई है.
इसके अलावा सरकार ने 15 हजार रुपये कम वेतन वाले के कामगारों के ईपीएफ
खातों में 162 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. इसका फायदा ईपीएफ योगदान
के रूप में 68,775 प्रतिष्ठानों को मिला है, सरकार के इस कदम से 10.6 लाख
कर्मचारियों को फायदा मिला है.
वित्त मंत्रालय की मानें तो जनधन खातों में एक अप्रैल 2020 तक 1,19,680.86 करोड़ रुपये जमा था, जिसके बाद सरकार ने महिलाओं के खातों में 500-500 रुपये डाले. जिससे 8 अप्रैल को 38.12 करोड़ खातों में रकम बढ़कर 1,27,748.43 करोड़ रुपये हो गई.
इसके अलावा उज्जवला योजना के तहत 2.66 करोड़ मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर बांटे जा चुके हैं. और 3.05 करोड़ सिलेंडर बुक किए गए हैं, जो आने वाले दिनों में लोगों को मुफ्त डिलीवर किए जाएंगे. कुल 8 करोड़ उज्जवला योजना से जुड़े गरीबों परिवारों को तीन महीने तक मुफ्त में सिलेंडर दिए जाएंगे.
सरकार की ओर से कहा गया कि लगातार राहत के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. आगे भी जरूरत पड़ने पर कदम उठाए जाएंगे. इसके अलावा सरकार ने टैक्स पर भी कई तरह की छूटें दी हैं. साथ ही गरीबों को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज तीन महीने तक देने का भी ऐलान किया है.