कोरोना संकट के बीच फार्मा कंपनी ग्लेनमार्क की मेहनत रंग लाई है, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स की दवा कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा. कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को अब ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स की दवा दी जा सकेगी.
कंपनी की इस कामयाबी से सोमवार को ग्लेनमार्क के शेयरों में तेजी देखने को मिली. निवेशकों में ये खबर पहुंच चुकी है कि ग्लेनमार्क को कोरोना वायरस की दवा बनाने और बेचने की मंजूरी मिल गई है. सोमवार को ग्लेनमार्क के शेयरों में एकतरफा तेजी देखी गई.
दरअसल शुक्रवार को ग्लेनमार्क का शेयर 409.35 रुपये पर बंद हुआ था, और सोमवार को सुबह 10 फीसदी की तेजी के साथ 450.25 रुपये पर खुला. उसके बाद 15 मिनट के कारोबार में ही इसका शेयर का भाव 470 रुपये पर पहुंच गया, जिसके बाद एक घंटे के लिए ट्रेडिंग रोक दी गई. फिर 10.30 बजे ट्रेडिंग शुरू हुई तो 20 फीसदी पर सर्किट लग गया.
उसके बाद इस शेयर का अपर सर्किट को रिवाइज कर 35 प्रतिशत कर दिया गया है. निवेशक इस शेयर को खरीदने के लिए एक तरह से टूट पड़े हैं. दिन के 11:36 बजे बीएसई पर ग्लेनमार्क का शेयर 35 फीसदी की उछाल के साथ 552 रुपये पर पहुंच गया. इंट्राडे के दौरान ने शेयर 569 रुपये के स्तर को भी छुआ.
इससे पहले शुक्रवार को ग्लेनमार्क फार्मा के शेयर करीब एक फीसदी की उछाल के साथ 409.30 रुपये पर बंद हुआ था. इस शेयर का 52 वीक का हाई 528.05 रुपये है. जबकि इस दौरान शेयर ने न्यूनतम 161.65 रुपये के स्तर को छुआ था, जो 13 मार्च 2020 को हुआ था.
गौरतलब है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग की मंजूरी मिलने के बाद ड्रग फर्म ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए FabiFlu ब्रांड नाम से एंटीवायरल दवा फेविपिरविर को लॉन्च किया है.
इस दवा के एक टैबलेट की कीमत 103 रुपये है. ग्लेनमार्क को 19 जून को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से फेविपिराविर या फेबीफ्लू के विनिर्माण और विपणन के लिए मंजूरी दी गई है.