कोरोना वायरस के लिए किया जाने वाला डायग्नोस्टिक टेस्ट क्या है?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का कहना है कि पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) का टेस्ट किसी नामी लैब में ही कराया जाता है. ये पीसीआर टेस्ट गले, श्वास नली के लिक्विड और मुंह की लार की सैंपल के स्वैब पर किए जाते हैं. इस तरह के टेस्ट आमतौर पर इन्फ्लूएंजा ए, इन्फ्लूएंजा बी और एच1 एन1 वायरस का पता लगाने के लिए किए जाते हैं.
डॉक्टर्स के मुताबिक, नाक और गले के पिछले हिस्से दो ऐसी जगहें हैं जहां वायरस के मौजूद होने की संभावना ज्यादा होती हैं. स्वैब के जरिए इन्हीं कोशिकाओं को उठाया जाता है. स्वैब को ऐसे सॉल्यूशन में डाला जाता है जिनसे कोशिकाएं रिलीज होती हैं. स्वैब टेस्ट का इस्तेमाल सैंपल में मिले जेनेटिक मैटेरियल को कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड से मिलाने में किया जाता है.