दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. भारत में इनकी संख्या 200 के पार हो चुकी है. कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिग बनाए रखने की सलाह दी जा रही है.
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कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. लोगों को बार-बार हाथ धोने और आस-पास सफाई रखने को कहा जा रहा है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि स्मोकिंग या ई-सिगरेट कोरोना वायरस के संक्रमण को और खतरनाक बना सकता है.
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दरअसल स्मोकिंग की वजह से फेफड़ों में सूजन और जलन होने लगती है. ई-सिगरेट भी शरीर को ऐसे ही हानि पंहुचाती है. ज्यादा धूम्रपान और ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने वालों में आगे चलकर फेफड़े खराब होने का खतरा रहता है.
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COVID-19 के गंभीर मामले भी फेफड़ों की खराबी से ही जुड़े हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह माना जा सकता है कि सिगरेट और ई-सिगरेट पीने वाले वालों में कोरोना वायरस का संक्रमण ज्यादा तेजी से फैल सकता है.
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लॉन्ग आईलैंड के एनवाई विन्थ्रोप हॉस्पिटल की डॉक्टर मेलोडी पीरजादा का कहना है, 'इन सब चीजों की वजह से ही मुझे लगता है कि कोरोना वायरस से जुड़े कई गंभीर मामले सामने आने वाले हैं.'
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उन्होंने कहा, 'जिन मरीजों को स्मोक करने की आदत रही है उनके फेफड़े कोरोना वायरस के मामले को और बिगाड़ सकते हैं.' हालांकि अभी इस पर और स्टडीज की जानी बाकी हैं.
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चीन में की गई एक स्टडी के मुताबिक में वहां महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कोरोनो वायरस का संक्रमण ज्यादा पाया गया था.
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वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि चीन में महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक धूम्रपान करते हैं. हालांकि ये डाटा शुरुआती मामलों पर आधारित था जिसे और समीक्षा के लिए वापस ले लिया गया है.
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चीन के एक और मेडिकल जर्नल में प्रकाशित लेख के अनुसार, COVID-19 के 78 मरीजों में पाया गया कि इन सभी लोगों को धूम्रपान की आदत थी और इन सबमें निमोनिया के लक्षण पाए गए थे.
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पीरजादा ने कहा, 'हमारे शरीर में पतले आकार की सिलिया होती है, जो फेफड़ों से विषाक्त पदार्थों और कफ को बाहर निकालने का काम करती है. धूम्रपान इस सिलिया को काफी नुकसान पंहुचाता है.
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नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर रे पिकल्स ने कहा, 'वायरस से संक्रमित होने के बाद शरीर में एक के बाद कई चीजें होने लगती हैं.
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'इन्फ्लूएंजा हो या कोरोना वायरस, संक्रमित होने के बाद लोगों को शरीर में होने वाले बदलावों से गुजरना पड़ता है और चीजें जब बिगड़ने लगती हैं तो हालत चिंताजनक हो सकती है.'
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चैपल हिल में बायोलॉजी के प्रोफेसर रॉबर्ट का कहना है, 'धूम्रपान से इन्फ्लूएंजा का खतरा बढ़ता है. जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उनका इम्यून सिस्टम कुछ हद तक कमजोर होता है और उनमें अधिक बलगम बनता है. उनके फेफड़े भी साफ नहीं रहते हैं.'
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रॉबर्ट ने कहा, 'जो लोग बहुत ज्यादा स्मोक करते हैं उनके शरीर में वायरस फैलने की ज्यादा संभावना होती है. शरीर में अगर एक बार वायरस फैल गया तो इसके बेहद खतरनाक परिणाम हो सकते हैं.'