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कोरोना

कोरोना वायरस के कहर का यहां नहीं हो सकता असर, जानिए वजह

कोरोना वायरस के कहर का यहां नहीं हो सकता असर, जानिए वजह
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पूरी दुनिया के करीब 164 देशों में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है. 2 लाख से ज्यादा लोग बीमार है. 8 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. लेकिन दुनिया में एक ऐसी जगह भी है, जो सबसे सुरक्षित हैं. साथ ही यहां किसी भी प्रकार की बीमारी का असर नहीं होता. क्योंकि यहां हेल्थ स्टेबलाइजेशन प्रोग्राम कई सालों से बेहतरीन काम कर रहा है. (फोटोः नासा)
कोरोना वायरस के कहर का यहां नहीं हो सकता असर, जानिए वजह
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने कहा है कि दुनिया की इस सबसे सुरक्षित जगह कभी कोई बीमार नहीं पड़ता. यहां सिर्फ एक बार एक आदमी को जुकाम हुआ था. वह भी 52 साल पहले. इस जगह का नाम है है अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS). (फोटोः नासा)
कोरोना वायरस के कहर का यहां नहीं हो सकता असर, जानिए वजह
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया कि अभी अंतरिक्ष में किसी एस्ट्रनॉट को भेजने से पहले हम उसे 10 दिन तक मेडिकल जांच में रखेंगे. ताकि, स्पेस स्टेशन पर कोरोना वायरस का संक्रमण न हो. नासा मई में स्पेस-एक्स के रॉकेट से अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन भेजेगा. (फोटोः नासा)
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नासा ने बताया कि कैसे उन्होंने स्पेस स्टेशन को बीमारियों से दूर रखा है. नासा के पास स्पेस स्टेशन को सुरक्षित रखने की टेक्नोलॉजी का नाम है हेल्थ स्टेबलाइजेशन सिस्टम. इस सिस्टम के लगने के बाद स्पेस स्टेशन पर रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स अपनी सेहत की निगरानी रख सकते हैं. (फोटोः नासा)
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1968 में हुए अपोलो-7 मिशन के दौरान वैली शीरा को सामान्य जुकाम हो गया था. लेकिन इसकी वजह से उनके साथी वॉल्टर कनिघंम और डॉन एफ. ईसल को काफी दिक्कत हो रही थी. वैली जब भी छींकते उनके नाक से निकलने वाली बूंदें स्पेसशिप में तैरतीं. ये बूंदें बाकी दो एस्ट्रोनॉट्स को परेशान करती थीं. (फोटोः नासा)
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इसके बाद, नासा ने फैसला लिया कि वह स्पेस स्टेशन पर ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित करेगा, जिससे कोई बीमार ही न हो. किसी भी एस्ट्रोनॉट को किसी भी तरीके का संक्रमण न हो. नासा ने स्पेस स्टेशन पर डॉक्टर भेजने शुरू किए. (फोटोः नासा)
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स्पेस स्टेशन पर दशकों पहले कोई बीमार होता था तो उसे क्वारनटीन कर दिया जाता था. वहां उसे स्लीपिंग बॉक्स या कैपसूल में कैद कर दिया जाता था. उसका वहीं इलाज होता था. जब वह ठीक हो जाता था तब उसे वापस काम पर लगाया जाता था. (फोटोः नासा)
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स्पेस स्टेशन को समय-समय पर सैनिटाइज किया जाता है. इसके लिए भी स्पेस स्टेशन पर ही मशीनें और केमिकल रखे रहते हैं. जरूरत पड़ने पर बस एक बटन दबाते ही पूरा स्पेस स्टेशन सैनिटाइज हो जाता है. (फोटोः नासा)
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स्पेस स्टेशन पर इंसानों के साथ माइक्रोब्स और बैक्टीरिया तो जाते हैं लेकिन अभी तक कोई ऐसा वायरस नहीं गया जिससे कोई बीमार हो जाए. स्पेस स्टेशन पर लाइफबोट्स जैसे स्पेस शिप की सुविधा भी है. अगर वहां कोई इमरजेंसी आए तो वे वहां से निकल सकते हैं. (फोटोः नासा)
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