
लगातार कई सप्ताह की तेजी के बाद इस हफ्ते सोने की कीमतों (Weekly Gold Price) में गिरावट देखने को मिली है. हालांकि, कीमतें अभी भी 59 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर हैं. जून के महीने में आई लगातार गिरावट के बाद जुलाई के शुरुआती सप्ताह में गोल्ड की कीमतों (Gold Price) में तेजी देखने को मिली. लेकिन इस हफ्ते कीमतें कम हुई हैं.
इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को गोल्ड का भाव 59,385 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ. वहीं, पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सोने की कीमतें 59,610 रुपये प्रति 10 ग्राम पर क्लोज हुई थीं.
इस सप्ताह ऐसा रहा भाव
IBJA Rates के अनुसार, इस सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को सोने की कीमतें 59,290 रुपये पर बंद हुईं. मंगलवार को भाव में हल्की गिरावट देखने को मिली और ये 59,282 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुईं. बुधवार को गोल्ड का भाव 59,541 पर क्लोज हुआ. गुरुवार को कीमतें थोड़ी और चढ़ी और 59,737 रुपये पर बंद हुईं. शुक्रवार को सोने का भाव 59,385 रुपये पर आ गया.
कितना महंगा हुआ गोल्ड?
पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को गोल्ड की कीमतें 59,610 रुपये पर बंद हुई थीं. इस तरह गोल्ड की कीमतें इस सप्ताह 225 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ती हुईं. इस हफ्ते मंगलवार को सोना सबसे सस्ता सोना मंगलवार को 59,282 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बिका. वहीं, सबसे महंगा सोना गुरुवार को 59,737 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिका.
24 कैरेट वाले गोल्ड का भाव
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट वाले सोने का दाम 28 जुलाई 2023 को अधिकतम 59,491 रुपये रहा. वहीं, 22 कैरेट वाले गोल्ड का 59,253 रुपये रहा. सभी तरह के गोल्ड के रेट की गणना टैक्स के बिना की गई है. सोने पर जीएसटी शुल्क अलग से देना होता है. इसके अलावा गहने पर मेकिंग चार्ज देना पड़ता है. इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (Indian Bullion Jewelers Association) की ओर से जारी कीमतों से अलग-अलग प्योरिटी के सोने के स्टैंडर्ड भाव की जानकारी मिलती है.

गोल्ड की कीमतों का आउटलुक
मॉनिटरी सख्ती, डॉलर इंडेक्स की मजबूती और लगातार मुख्य मुद्रास्फीति से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद 2023 में अब तक सोने की कीमतें 8 प्रतिशत बढ़ी हैं. हालांकि, इस हफ्ते सोने के भाव में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिला. जानकारों की मानें तो बेहतर आर्थिक आंकड़ों के कारण आर्थिक मंदी की आशंका कम हो गई है, जिसके कारण निवेशक अमेरिकी डॉलर इंडेक्स की ओर आकर्षित हुए हैं. हालांकि, प्रमुख मौद्रिक नीति पर केंद्रीय बैंकों के लगातार कड़े रुख से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है, जिससे शॉर्ट टर्म में कीमती धातुओं की कीमतों को सपोर्ट मिल सकता है.