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RBI MPC Decision: फेस्टिव सीजन से पहले टूटी आस, RBI का ऐलान- इस बार भी ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं..

Repo Rate वो दर होती है, जिसपर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है. इसलिए जब रेपो रेट में इजाफा होता है, तो बैंकों को रिजर्व बैंक से महंगी दर पर कर्ज मिलता है. इस वजह से आम लोगों को मिलने वाला लोन भी महंगा हो जाता है और उनके Loan की EMI भी बढ़ जाती है.

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आरबीआई ने लगातार चौथी बार रेपो रेट को स्थिर रखा
आरबीआई ने लगातार चौथी बार रेपो रेट को स्थिर रखा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (MPC Meeting) में लिए गए फैसलों का ऐलान कर दिया है और इस बार भी केंद्रीय बैंक ने लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है.हालांकि, इस फेस्टिव सीजन में लोगों ने रेपो रेट में कटौती की जो आस लगाई थी वो जरूर टूटी है. देश में महंगाई दर आरबीआी के तय दायरे से ऊपर होने के बावजूद नीतिगत दरों यानी Repo Rate को यथावत रखने का फैसला किया गया है. मतलब Loan EMI में कोई बदलाव नहीं होगा. ये लगातार चौथी बार है जबकि रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया गया है. 

6.50% पर स्थिर रखा रेपो रेट

Repo Rate फिलहाल, 6.50 फीसदी है और एक्सपर्ट पहले से इसके स्थिर रहने की उम्मीद जता रहे थे. बीते साल केंद्रीय बैंक ने चरम पर पहुंची महंगाई दर को काबू में करने के लिए एक के बाद कई बार इस दर में बढ़ोतरी की थी. मई 2022 में Repo Rate 4 फीसदी पर था, जो फरवरी 2023 आते-आते 6.50 फीसदी पर पहुंच गया था. हालांकि, इसके बाद से ये यथावत रखा गया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनिया में चुनौतियों के बावजूद भारत ग्रोथ इंजन बना हुआ है. 

देश में महंगाई दर की बात करें तो ये RBI के तय दायरे से बाहर बनी हुई है. बीते जुलाई 2023 की तुलना में अगस्त महीने में इसमें गिरावट देखने को मिली थी. गौरतलब है कि जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर (CPI) 7.44 फीसदी के स्तर पर थी, जो कि अगस्त महीने में घटकर 6.83 फीसदी पर आ गई थी. यहां बता दें कि केंद्रीय बैंक ने देश में महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय किया है.

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छह में से 5 सदस्य फैसले के पक्ष में

MPC Meeting के नतीजों का ऐलान करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. यह 6.50 फीसदी पर बरकरार है. MPC के छह में से पांच सदस्य इसे स्थिर रखने के फैसले के पक्ष में थे. रेपो रेट के अलावा MSF रेट 6.75 फीसदी पर और SDF रेट 6.25 फीसदी पर बरकरार है. रिजर्व बैंक का 'Withdrawal Of Accomodation' रुख कायम है. आरबीआई महंगाई को लक्ष्य के भीतर रखने को प्रतिबद्ध है.

GDP ग्रोथ के अनुमान में भी बदलाव नहीं

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि FY24 के लिए GDP ग्रोथ के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी रखा गया है. वहीं FY24 की तीसरी तिमाही के लिए यह 6 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए इसे 5.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया. FY25 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी की दर से रहने का अनुमान लगाया गया है. 

महंगाई को लेकर RBI का ये अनुमान

शक्तिकांत दास ने महंगाई के तय दायरे के ऊपर होने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वैश्विक आउटलुक  महंगाई दरों पर असर डालने वाला रहा है. इसके अलावा जुलाई 2023 में टमाटर समेत अन्य सब्जियों की बढ़ी कीमतों का प्रभाव भी महंगाई दर पर देखने को मिला है. उन्होंने FY24 में महंगाई दर 5.4 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है. FY24 की दूसरी तिमाही में रिटेल महंगाई (CPI) 6.2 फीसदी से बढ़कर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान, जबकि तीसरी तिमाही में ये 5.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी पर रह सकती है.

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Repo Rate को इस तरह समझें

Repo Rate वो दर होती है, जिसपर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है. इसलिए जब रेपो रेट में इजाफा होता है, तो बैंकों को रिजर्व बैंक से महंगी दर पर कर्ज मिलता है. इस वजह से आम लोगों को मिलने वाला लोन भी महंगा हो जाता है और उनके Loan की EMI भी बढ़ जाती है. रिजर्व बैंक महंगाई दर पर काबू पाने के लिए रेपो रेट बढ़ाता है और लोन महंगे हो जाते हैं. लोन महंगा होने से इकोनॉमी में कैश फ्लो में गिरावट आती है. इससे डिमांड में कमी आती है और महंगाई दर घट जाती है. रेपो रेट के अलावा एक होता है रिवर्स रेपो रेट. रिवर्स रेपो रेट वो दर होती है, जिसके अनुसार रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को डिपॉजिट पर ब्याज देता है.
 

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