स्माल सेविंग स्कीम के तहत सरकार मिडिल क्लास फैमिली के लिए कई खास योजनाएं चलाती है, ताकि उन्हें आगे आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े. पब्लिक प्रोविडेंड फंड (PPF) ऐसी एक योजना में से है. यह एक लॉन्ग टर्म योजना है, जो निवेशकों को मोटा पैसा बनाकर देता है. इस योजना की मैच्योरिटी पीरियड 15 साल तक है, चाहो तो 5-5 साल करके दो बार और बढ़ाया जा सकता है.
अभी पीपीएफ योजना के तहत निवेशकों को 7.1% सालाना चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. PPF अकाउंट में डिपॉजिट, उसपर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट... तीनों ही टैक्स फ्री हैं. अब खबर है कि पीपीएफ का ब्याज कम हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा इस वर्ष रेपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती किए जाने के बाद, अटकलें लगाई जा रही हैं कि आगामी जुलाई संशोधन में सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) की ब्याज दरें 6.5% से नीचे आ सकती है.
क्यों PPF रेट में हो सकती है कटौती?
गिरते बॉन्ड यील्ड और नीतिगत बदलाव के कारण इसके रेट में कटौती की आशंका लगाई जा रही है. श्यामला गोपीनाथ समिति के फार्मूले के अनुसार, PPF रिटर्न औसत 10 साल की G-सेक उपज से 25 आधार अंक अधिक होना चाहिए. अब जब उपज 6.325% पर है, तो फार्मूला उचित PPF रेट को लगभग 6.57% पर रखता है, जो संभावित रूप से वर्तमान दर से 52.5 बेसिस पॉइंट की कटौती को ट्रिगर का अनुमान लगा रहा है.
रेपो रेट में कटौती से घट सकता है ब्याज
बिजनेस टुडे के मुताबिक, स्क्रिपबॉक्स के संस्थापक और सीईओ अतुल सिंघल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2025 में रेपो दर में कुल 100 आधार अंकों की कटौती के साथ, अब ध्यान लघु बचत योजना ब्याज दरों के आगामी तिमाही संशोधन पर है. एक्सपर्ट ने इसके ब्याज में कमी से पहले पैसे निकालने की सलाह दी है.
एक्सपर्ट्स ने क्या है अनुमान
सेडानी के अनुसार, 7.10% की मौजूदा दर अभी भी गोपीनाथ फॉर्मूले के अनुसार 6.55% से 7.3% की स्वीकार्य सीमा के तहत है. उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा बनाए रखने और खुदरा निवेशकों को समर्थन देने के लिए, सरकार PPF रेट्स को फिलहाल स्थिर रखते हुए किसी भी रेट में कटौती में देरी कर सकती है.
1 फाइनेंस में म्यूचुअल फंड की सीनियर वीपी रजनी तंदले ने इस बात पर सहमति जताई कि छोटी बचत योजनाओं में ब्याज दरें घटने की संभावना है. उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर अपने फोकस को देखते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 जून को रेपो दर में 0.5% की कमी की. अब छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरें कम होने की संभावना है.
गौरतलब है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की ब्याज दरों में पिछले कुछ दशकों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. अभी 7.1% प्रति वर्ष रेट है, यह आंकड़ा अप्रैल 2020 से नहीं बदला है. ब्याज का कैलकुलेशन मासिक रूप से की जाती है और सालाना जमा की जाती है.