आप जब पेट्रोल पंप पर अपनी कार-बाइक में पेट्रोल डलवाने के लिए जाते हैं, तो वहां मौजूद कर्मचारी आपको मीटर में जीरो देखने के लिए बोलता है. आपकी नजर उसके कहते ही सीधे मीटर पर पहुंचकर टिक जाती है और वो आपकी गाड़ी में फ्यूल भर देता है. आपको लगेगा सब ठीक है और आपके पूरे पैसे का पेट्रोल टैंक में भर गया, लेकिन असली बात ये है कि आप 0.00 देखते रह जाते हैं, जबकि असली खेल कहीं और हो जाता है. सीधे शब्दों में कहें तो आपकी जेब कट जाती है और आपको पता भी नहीं चल पाता. आइए जानते हैं कैसे ये पूरा धांधली का खेल होता है और आपको क्या सावधानी बरतनी जरूरी है.
'जीरो' पर नहीं, यहां रखें पैनी नजर
पेट्रोल पंप पर ग्राहकों की जेब काटने के एक नहीं, बल्कि कई तरीके अपनाए जा सकते हैं और उनकी गाढ़ी कमाई को लूटा जा सकता है. आए दिन सोशल मीडिया पर भी Petrol Pump से जुड़े ऐसे वीडियो वायरल होते रहते हैं, जिनमें तमाम सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है. हाल ही में एक पेट्रोल पंप कर्मचारी का Viral Video चर्चा का विषय बना है, जिसमें वो पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी से बचने के टिप्स देता हुआ नजर आ रहा है, जिसमें वो मीटर में जीरो की जगह डेंसिटी मीटर पर नजर रखने की हिदायत दे रहा है.
जी हां, हकीकत में ये ही वो मीटर होता है, जहां आपकी आंखों के सामने आपको चूना लगाया जा सकता है. इसके पूरे खेल पर पर बात करें, तो Petrol Pump पर तेल भरने वाला कर्मचारी आपसे सिर्फ मीटर में जीरो (Zero) चेक करने को बोलता है, जबकि खेल Density Meter में खेला जाता है. जहां न तो कर्मचारी नजर रखने को कहता है और न ही आमतौर पर ग्राहक की निगाह उस तरफ जाती है. आपको अगली बार पेट्रोल-डीजल भरवाने के दौरान यहीं अपनी नजर रखनी है.
क्या बताता है डेंसिटी मीटर?
Density Meter दरअसल, आपके वाहन में डाले जाने वाले Petrol-Diesel की शुद्धता का पैमाना होता है, जो ये बताता है कि आपकी गाड़ी में जो पेट्रोल या डीजल डाला जा रहा है, वो शुद्ध है या उसमें मिलावट की गई है. यहां पर नजर रखकर आप न केवल पेट्रोल पंप पर अपनी जेब कटने से बचा सकते हैं, बल्कि अपनी गाड़ी को होने वाले बड़े नुकसान से भी बच सकते हैं.
जैसे कि बताया कि Density उस ईंधन की शुद्धता का पैमाना होती है, जो आपकी गाड़ी में डाले जाने वाले Petrol-Diesel की क्वालिटी को बताती है. इसके लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं, जिनके दायरे में रहने का मतलब है कि ईंधन सही और शुद्ध है, जबकि इससे ज्यादा या कम मिलावट की ओर इशारा करता है. इस मिलावटी ईंधन से आपकी गाड़ी के इंजन को बड़ा नुकसान हो सकता है.
जरा सी सावधानी, फ्रॉड से बचाएगी
डेंसिटी मीटर में छेड़छाड़ के जरिए आप अपने साथ पेट्रोल पंप पर होने वाली धोखाधड़ी का पता लगा सकते हैं और किसी भी तरह के फ्रॉड से बच सकते हैं. Density को सीधे शब्दों में समझें, तो ये पेट्रोल-डीजल के घनत्व को दर्शाता है यानी इसके गाढ़ेपन को मापता है. जब तय मात्रा में मिनरल्स को मिलाकर कोई प्रोडक्ट तैयार किया जाता है, तो उसके आधार पर उस पदार्थ की क्वालिटी सेट की जाती है. इसमें छेड़छाड़ से पता चल सकता है कि वो फ्यूल मिलावटी है.
अगर इसके मानक की बात करें, तो Petrol Density 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तय है, जबकि डीजल के मामले में डेंसिटी (Diesel Density) 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्लूबिक मीटर निर्धारित की गई है. अगली बार आप पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाने जाएं, तो फिर जरूर चेक कर लें कि डेंसिटी इस दायरे में है, क्योंकि अगर इससे ऊपर होने पर आप समझ सकते हैं कि जो फ्यूल डाला जा रहा है, वो मिलावटी है.
0 से सीधा 10 हो तो हो जाएं सचेत
न सिर्फ डेंसिटी मीटर में, बल्कि जिस जीरो को कर्मचारी देखने के लिए कहते हैं, तो बता दें भी उस मीटर से भी धांधली का पता लगाया जा सकता है. दरअसल, 0 देखने के बाद जैसे ही आपकी गाड़ी में पेट्रोल या डीजल भरना स्टार्ट हो, तो नजर उसी मीटर पर बनाए रखें. आपको ध्यान देना है कि जीरो से बढ़कर ये मार्किंग आगे के 3-4-5 जैसे छोटे नंबर के साथ बढ़ने के बजाय अगर 0 से 10 हो जाती है, तो फिर मान लीजिए उस मीटर में छेड़छाड़ कर आपको चूना लगाया जा रहा है.