क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया अब भारत के छोटे शहरों में भी तेजी से पैर पसार रही है. जालंधर, पटना, लुधियाना और देहरादून जैसे शहरों में क्रिप्टो ट्रेडिंग का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. 35 साल से कम उम्र के युवा निवेशक तो अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन के लिए क्रिप्टो में जमकर इंवेस्टमेंट कर रहे हैं. अगर भारत के क्रिप्टो वर्ल्ड को डेटा की मदद से समझा जाए तो यहां पर 2 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो यूजर्स हैं. इनमें से 75 परसेंट की उम्र 35 साल से कम है. बिटकॉइन, मीम कॉइन्स और एथेरियम जैसे क्रिप्टोकरेंसी के विकल्पों में देश में सबसे ज्यादा निवेश हो रहा है.
CoinSwitch की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो में दिल्ली-एनसीआर का दबदबा है, जहां बेंगलुरु से दोगुना निवेश हुआ है. छोटे शहर भी अब क्रिप्टो की दौड़ में शामिल हो गए हैं. जयपुर और कोलकाता जैसे शहरों ने भी इस लिस्ट में अपनी जगह बनाई है. आंकड़ों के मुताबिक बेंगलुरु में लेयर-1 टोकन में सबसे ज्यादा 49 फीसदी निवेश हुआ है, वहीं बरबाका DeFi श्रेणी में 24 परसेंट हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है.
मीम कॉइन्स की लोकप्रियता बढ़ी
मीम कॉइन्स की लोकप्रियता भी अब तेजी से बढ़ रही है जिसके असर से डोज़कॉइन, पेपे और बोंक में निवेशक खासी दिलचस्पी ले रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक SHIB भारत में सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाला मीम कॉइन है जबकि PEPE ने 2024 में 1300 फीसदी की बढ़त दर्ज की है. मीम कॉइन्स का निवेश कुल क्रिप्टो बाजार का 13 परसेंट है.
CoinSwitch के मुताबिक क्रिप्टो बाजार के लिए 2024 गेम-चेंजर साल साबित हुआ है. राजनीतिक और रेगुलटेरी बदलावों के चलते क्रिप्टो ट्रेडिंग बड़े शहरों से निकलकर टियर-2 और टियर-3 शहरों तक पहुंच चुकी है. CoinSwitch की रिपोर्ट के मुताबिक 26 से 35 साल के युवाओं का क्रिप्टो निवेश में हिस्सा 42 परसेंट है जबकि 18 से 25 साल के निवेशकों की हिस्सेदारी 30 फीसदी और 36 साल से ज्यादा उम्र के निवेशकों की भागीदारी 28 परसेंट है.
युवाओं को पसंद आया क्रिप्टो निवेश
ये आंकड़े दिखाते हैं कि क्रिप्टो निवेश के लिए हर शहर की प्राथमिकताएं अलग अलग हैं. CoinSwitch के मुताबिक बेंगलुरु लेयर-1 टोकन में, बरबाका DeFi में, जालंधर मीम कॉइन्स में और करनाल गेमिंग टोकन में सबसे आगे है. गेमिंग और मीम टोकन टॉप 5 सेगमेंट्स में शामिल हैं.
CoinSwitch का दावा है कि लेयर-1 टोकन भारतीय क्रिप्टो बाजार के 37 फीसदी के बराबर है जबकि DeFi टोकन में 17 परसेंट निवेश किया गया है. ऐसे में समझा जा सकता है कि क्रिप्टो में निवेश करना युवाओं को ज्यादा पसंद है. तकनीक में महारत हासिल रखने वाले ये इंवेस्टर्स जोखिम को तोलमोलकर डायवर्सिफिकेशन करने के लिए निवेश के सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं.