कोरोना महामारी (COVID-19) की वजह से देशभर में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy) को लेकर काफी अधिक जागरूकता पैदा हुई है. लोग बड़ी संख्या में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रहे हैं. अगर आपके पास भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं है और आप नई पॉलिसी लेने की सोच रहे हैं तो आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए. आपको इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि कौन-सी चीजें हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर नहीं होती हैंः
इनफर्टिलिटी/ प्रेग्नेंसी से संबंधित जटिलताएं
आम तौर पर इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में इनफर्टिलिटी या Abortion जैसी प्रेग्नेंसी से जुड़ी किसी तरह की जटिलताएं और अन्य तरह के ट्रीटमेंट कवर नहीं होते हैं. कुछ इंश्योरेंस प्लान में इनसे जुड़े खर्चों पर भी कुछ कवरेज मिल जाती है लेकिन इसके लिए एक निश्चित वेटिंग पीरियड और सब-लिमिट जैसी शर्ते हो सकती हैं.
कॉस्मेटिक सर्जरी
आम तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कॉस्मेटिक सर्जरी कवर नहीं होती है. बोटॉक्स, लिपोसक्शन, इम्प्लांट्स जैसी सर्जरी आम तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर नहीं होती है. इस तरह की कोई भी सर्जरी कराने से पहले लोगों को अपनी इंश्योरेंस कंपनी से इस बारे में पूछना चाहिए कि क्या वे इस तरह के मेडिकल प्रोसिजर को कवर करते हैं या नहीं.
पहले से मौजूद बीमारी
अगर आप पहले से किसी गंभीर या लंबी बीमारी से परेशान हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर शुरुआत में ये बीमारी कवर नहीं होती है. ऐसा आम तौर पर देखने को मिलता है. यह एक ऐसा एक्स्क्लुजन है, जिसके बारे में आम तौर पर लोगों को जानकारी नहीं होती है. हालांकि, अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियां बीमारी की गंभीरता के हिसाब से एक निश्चित वेटिंग पीरियड के बाद कवरेज देते हैं.
आंख या कान से जुड़ी समस्या होने पर
अगर आपको सुनने या देखने में किसी तरह की दिक्कत हो रही है तो इसके लिए भी इंश्योरेंस क्लेम के नियम अलग होते हैं. अगर आपको इस तरह की समस्या पहले से है तो आपको अमूमन इंश्योरेंस बेनिफिट नहीं मिलता है. वहीं, अगर एक्सीडेंट की वजह से किसी व्यक्ति को इस तरह की परेशानी होती है और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है तो ऐसे मामले में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके लिए बेनिफिशियल साबित हो सकता है.
डेंटल कवरेज
आम तौर पर दांतों से जुड़ी समस्याएं इंश्योरेंस के तहत कवर नहीं होती हैं. इसकी वजह ये है कि दांतों के ट्रीटमेंट के लिए व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जरूरत नहीं होती है. वहीं, अगर एक्सीडेंट की वजह से कोई दिक्कत आती है, तो फिर इंश्योरेंस पॉलिसी में उसे कवर किया जाता है.