सोने की कीमतें (Gold Rate) इस साल 2025 में लगातार नई बुलंदियों पर पहुंचती हुई नजर आई हैं और इसमें निवेश करने वालों (Gold Investors) की बात करें, तो उन्हें जोरदार मुनाफा हुआ है. Gold ने छह महीने में Return 27 फीसदी दिया है. हालिया उतार-चढ़ाव को छोड़ दें, तो गोल्ड रेट्स में तेजी जारी है. इसके बावजूद एक्सपर्ट्स फिलहाल निवेशकों को सोने में अगले 5 महीने तक नए निवेश से बचने की सलाह दे रहे हैं. आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्यों?
निवेश के सुरक्षित ठिकाने के रूप में पकड़ मजबूत
एक सुरक्षित निवेश एसेट के रूप में सोना अपनी मजबूती बनाए हुए है और साल 2025 की पहली छमाही में इसने निवेशकों को 27 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसके बाद भी निवेशकों के लिए एक्सपर्ट्स की निवेश से बचने की सलाह के पीछे के कारणों की बात करें, तो उनका कहना है कि सोने में मौजूदा तेजी लंबी खिंचती दिख रही है, ऐसे में कीमतें फिर से बढ़ने से पहले कुछ समय के लिए थम सकती हैं और इसमें गिरावट देखने को मिल सकती है.
अप्रैल से अब तक 33% चढ़ा Gold Rate
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वाइस चेयरपर्सन (जिंस) राहुल कलंत्री की मानें तो सोना सुरक्षित निवेश के ठिकाने के रूप में सबसे आगे बना हुआ है. MCX पर सोना पहली छमाही में करीब 27 फीसदी उछला है. वहीं चालू वित्त वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल 2025 से बात करें, तो निवेशकों को करीब 33 फीसदी का ताबड़तोड़ रिटर्न मिला है और ये सभी परिसंपत्ति वर्गों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में एक बन गया है. हालांकि, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सुधार के साथ, आगे सोने की कीमतों में कमी भी देखने को मिल सकती है. ऐसे में हमारी निवेशकों को मौजूदा स्तर पर सोने में नए निवेश से बचने की सलाह है.
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण
निवेशकों को सोने में बचते हुए नए निवेश की सलाह देने के साथ ही हालिया समय में सोने के भाव में तेजी (Gold Price Rise) के बारे में बात करते हुए उन्होंने कई कारण गिनाए हैं.
Gold Rate बढ़ने से पहले थमेंगे
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर एनालिस्ट मानव मोदी का भी कुछ ऐसा ही कहना है और उनके मुताबिक, Gold Rates में मौजूदा तेजी लंबी खिंचती दिख रही है. कीमतें फिर से बढ़ने से पहले कुछ समय के लिए थम सकती हैं और इसमें गिरावट आ सकती है, जिसका इस्तेमाल लंबी अवधि के नजरिये से निवेश के लिए किया जा सकता है. लेकिन शॉर्ट टर्म को लेकर रुख अलग है. राहुल कलंत्री ने तो निवेशकों को सलाह देते हुए ये कहा है कि शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करने वाले निवेशक अपने पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा सोने के बजाय चांदी (Silver) में लगाने पर विचार कर सकते हैं. क्योंकि इंडस्ट्रियल ग्रोथ और आर्थिक विस्तार से चांदी में अधिक लाभ हो सकता है.
कलंत्री के मुताबिक, आने वाले छह महीने में Gold Outlook के बारे में बात करें, तो इसकी कीमतों में शॉर्ट टर्म गेन संभव है, जब तक कि US Fed ब्याज दरों की अपेक्षाएं या वैश्विक स्तर पर जोखिम के स्तर पर में महत्वपूर्ण परिवर्तन न हो, इसलिए अगली छमाही के लिए ये निगेटिव बना हुआ है.