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कोरोना के मामले घटते ही FPI का यूटर्न, भारतीय बाजारों में झोंके पैसे

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जून में भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 12,714 करोड़ रुपये डाले हैं. इससे पिछले दो महीने लगातार विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे थे.

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भारतीय बाजार में निवेश
भारतीय बाजार में निवेश
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारतीय बाजारों में 25 जून तक 12,714 करोड़ का निवेश
  • FPI ने मई में भारतीय बाजारों से 2,666 करोड़ निकाले
  • अप्रैल में FPI ने 9,435 करोड़ रुपये निकाले थे

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जून में भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 12,714 करोड़ रुपये डाले हैं. इससे पिछले दो महीने लगातार विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे थे. मई में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 2,666 करोड़ रुपये और अप्रैल में 9,435 करोड़ रुपये निकाले थे.

डिपॉजिटरी सेवा कंपनियों के आंकड़ों के अनुसार, एक से 25 जून के दौरान एफपीआई ने शेयरों में 15,282 करोड़ रुपये डाले. इस दौरान उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार से 2,568 करोड़ रुपये निकाले. इस तरह उनका शुद्ध निवेश 12,714 करोड़ रुपये रहा.

जून में विदेशों निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार में निवेश के पीछे कई अहम कारण है. इस महीने कोरोना महामारी के मामलों में तेजी से गिरावट आई है. साथ ही वैक्सीनेशन का कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहा है. अप्रैल और मई के मुकाबले हालात बेहतर हैं, जिससे निवेशकों का बाजार को लेकर भरोसा बढ़ा है. 

इसके अलावा जून में भारतीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार के संकेत मिल रहे हैं. वहीं इस हफ्ते एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स करीब 1.49 प्रतिशत बढ़ा है, जो एक अच्छा संकेत है. 

वहीं शेयर बाजार भी अपने हाई के आसपास कारोबार कर रहा है. जिससे FPI के हौसले को बल मिला है. अब तक जून महीने भारत और इंडोनेशिया को छोड़कर अन्य उभरते और एशियाई बाजारों से एफपीआई ने निकासी की है.

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