कुछ लोगों के लिए साल बदल जाते हैं. लेकिन हालात नहीं बदलते. जिस तरह की आर्थिक तंगी साल 2023 में परेशान थे, ठीक इसी तरह की समस्या 2022 में भी थी. यानी उनके लिए केवल तारीख बदल रही है. दरअसल, एक और नया साल आ गया है, देश दुनिया में लोग नए साल (New Year 2024) का स्वागत अपने-अपने अंदाज में कर रहे हैं.
हर कोई चाहता है कि नए साल में उन्हें नई खुशियां मिले. अगर आप इस साल से अपने हालात बदलना चाहते हैं तो कुछ कड़े फैसले लेने होंगे. जिससे आप पीछे कई वर्षों से जूझते आए हैं. शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें आएंगी. लेकिन कुछ वक्त के बाद हालात जरूर बदलेंगे, खासतौर पर आर्थिक परेशानियां थोड़ी दूर हो जाएंगी.
आज हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे आप नए साल में केवल एक फैसले से आर्थिक तौर पर अपनी स्थिति को सुधार सकते हैं. दरअसल, इंसान की इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती हैं. लेकिन इच्छाएं पूरी करने के लिए फैसले लेने पड़ते हैं. अगर आर्थिक तंगी को दूर करना चाहते हैं तो फिर भीड़ से हटकर आपको सोचना पड़ेगा.
खर्च पर लगाम जरूरी
सबसे पहले आमदनी और खर्च के बीच तालमेल बिठाएं. इसके लिए जरूरी नहीं है कि आमदनी बहुत ज्यादा होनी चाहिए. जितनी भी आय से उसी से शुरुआत कर सकते हैं, इंतजार में वक्त निकल जाता है वो वक्त कभी वापस नहीं आता, जो बीत गया. इसलिए नए साल में बचत को अपनी पहली प्राथमिकता बनाएं, उसके बाद बाकी चीजों पर फोकस करें. अब आपके कहेंगे कि ये कैसे संभव है?
मान लीजिए, अभी आपकी सैलरी (Salary) या आमदनी (Income) हर केवल 20 हजार रुपये है. इसमें आप किसी तरह से घर के खर्चे चला पा रहे हैं तो अगले साल बचत कैसे करेंगे? ये आपका सवाल हो सकता है. आपको गांठ बांध लेना है कि आपकी सैलरी 20 हजार नहीं, 18000 रुपये है. सैलरी आते ही उसमें 2 हजार रुपये निवेश के लिए अलग कर दें या फिर तुरंत म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में SIP कर दें.
शुरुआत में 10 फीसदी से करें शुरुआत
बाकी बचे 18 हजार रुपये में ही सभी खर्चे निपटें, ये तभी संभव होगा जब आप ये सोच लेंगे कि किसी कारण आपकी सैलरी घटकर 18 हजार रुपये हो गई, अब इसी में गुजारा करना है. फालतू खर्चों पर थोड़ा लगाम लगाएं, आप आसानी से हर महीने 2 हजार रुपये बचा लेंगे. आप महीनेभर में जो खर्च करते हैं, उसकी एक लिस्ट बनाएं. उसमें तय करें कि कौन-सी ऐसी चीजें हैं, जिसे नहीं खरीदने पर भी घर आसानी से चल सकता है. फिर लिस्ट में उसे काट दें और बाकी महीनेभर के सामानों को एक साथ खरीदने की कोशिश करें.
इसी साल में दिखने लगेगा परिणाम
शुरुआत के 6 महीने में आपकी थोड़ी समस्या होगी, लेकिन साल 2024 के अंत तक आपके पास जमापूंजी के तौर पर मूलधन 24 हजार रुपये और उसपर कम से कम 12 फीसदी का ब्याज होगा. वहीं नौकरी पेशा लोगों की हर साल सैलरी में बढ़ोतरी होती है. सैलरी में बढ़ोतरी के साथ ही निवेश की राशि को भी बढ़ाते रहें. इस तरह जब आप हर साल निवेश की राशि को बढ़ाते जाएंगे तो आप बेसब्री से नए साल का इंतजार करेंगे. क्योंकि निवेश की राशि ब्याज के साथ जुड़कर साल-दर-साल एक बड़ा फंड बनता जाएगा. 5 साल के बाद आपके पास करीब 2 लाख रुपये जमा हो जाएगा. जिससे आप आर्थिक मोर्चे पर थोड़ी राहत महसूस करेंगे. क्योंकि अभी आपके पास जमापूंजी के नाम पर कुछ भी नहीं हैं. जो भी कमा रहे हैं, खा-पीकर बराबर कर दे रहे हैं.
लेकिन जब धीरे-धीरे सेविंग (Saving) की आदत पड़ जाएगी, तो 10 साल में आपकी आर्थिक स्थिति बदल जाएगी. निवेश का फंड एक बड़ा सहारा बन जाएगा. मुसीबत में आप इन पैसों का इस्तेमाल कर पाएंगे. इसलिए अगर साल-दर-साल गरीब के गरीब ही नहीं रहना चाहते हैं तो नए साल से बचत की शुरुआत सबसे पहले कर दें. शुरुआत केवल आमदनी की 10 फीसदी हिस्से से करें. लेकिन धीरे-धीरे इस बढ़ाकर 30 फीसदी लेकर जाएं, फिर किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
5000 रुपये के निवेश पर ये परिणाम
यही नहीं, अगर सैलरी 30 से 40 हजार रुपये महीने है तो मंथली 5000 रुपये से SIP की शुरुआत कर सकते हैं, और सालाना आमदनी बढ़ने के साथ इसमें 10 फीसदी का इजाफा करें. 10 साल में ही आपके पास साधारण 12 फीसदी ब्याज के हिसाब से 16,87,163 रुपये होंगे. जबकि अगर ब्याज 15 फीसदी मिल जाता है तो करीब 20 लाख रुपये जमा कर लेंगे.
गौरतलब है कि कुछ लोगों के हालात इसलिए नहीं बदल पाते हैं, कि वो तुरंत फैसले नहीं ले पाते. खासकर जब बचत की बात होती है. वहीं कुछ लोगों का ये तर्क होता है कि अभी आमदनी कम और खर्चे ज्यादा है. इसलिए जब आमदनी बढ़ जाएगी, तब कुछ पैसे बचाकर निवेश करेंगे. लेकिन यकीन मानिए.. ऐसे लोगों का सालो-साल इस इंतजार में कट जाते हैं और सेविंग के नाम पर उनके पास एक चवन्नी भी नहीं होता.
(नोट: शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)