दो महीने की लीवर से जुड़ी बहनों को मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन कर अलग कर दिया. श्रीनगर की सबूरा और सफूरा का पेट जन्म के साथ ही जुड़ा हुआ था और दोनों का लीवर एक ही था. ऐसे मामले बेहद दुर्लभ होते हैं. 10 लाख में से एक मामला ऐसा देखने में आता है.
कई मेडिकल जांचों के बाद दोनों बहनों को मेदांता अस्पताल लगाया गया था. 16 नवंबर को 40 लोगों की एक टीम ने लिवर सर्जर एएस सोइन की अगुवाई में यह कामयाब ऑपरेशन किया. सबसे बुजुर्ग शेर का ट्यूमर का ऑपरेशन
मेडिकल बुक में ऐसे बच्चों को अलग करने का कोई भी तरीका नहीं बताया गया है, लेकिन डॉक्टरों ने अपने अनुभव से इस रेयर सर्जरी को अंजाम दिया. इस सर्जरी को अंजाम तक पहुंचाने वाले डॉ. ए. एस. सोइन का दावा है कि देश में पहली बार लीवर से जुड़ी बच्चियों को अलग करके नई जिंदगी दी गई है. बच्ची के मुंह से निकाले गए 202 दांत
इस सर्जरी में दो बड़े चैलेंज थे. पहला एक लीवर के साथ जन्म लेने वाले दो इंसानों की न तो एनाटॉमी के बारे में बताया गया है और न ही लीवर को अलग करने का कोई तरीका सुझाया गया है. एक लीवर के साथ जन्म लेने वाले बच्चों को अलग करने के दौरान बहुत ज्यादा खून बहने का भी खतरा था. इसलिए डॉक्टरों ने सर्जरी से पहले थ्रीडी डायमेंशनल इमेजेस निकलवाईं और सर्जरी के दौरान बच्चियों की नसों को अलग किया.
डॉ. सोइन ने बताया कि दूसरा चैलेंज यह था कि ऑपरेशन से पहले दोनों बच्चियां पूरी तरह स्वस्थ थीं. एक गलती से दोनों की जिंदगी बदतर हो सकती थी. एक बार हमें लगा कि कहीं हम प्रकृति के साथ छेड़छाड़ तो नहीं कर रहे?