पढ़कर हैरान हो गए न? लेकिन यह सच है. मुंबई के एक बस ड्राइवर के दो जुड़वां बेटों ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में बाजी मार ली लेकिन उसे पता नहीं है कि यह किस चिड़िया का नाम है. उसे सिर्फ इतना ही पता है कि उसके बेटों ने कोई परीक्षा पास की है. यह खबर मुंबई के अखबार मिड डे ने दी है.
पत्र के मुताबिक बस ड्राइवर रमाशंकर यादव के दो बेटों राम और श्याम ने आईआईटी क्रैक कर लिया. इनकी उम्र 18 साल है. यादव परिवार भिवंडी में रहता है और रमाशंकर को सिर्फ 8,000 रुपये मासिक मिलते हैं, जिससे किसी तरह से घर चलता है. दोनों लड़के पढ़ने में तेज थे और बिना किसी कोचिंग के दसवीं तथा बारहवीं में बढ़िया नंबर लाने में सफल हुए थे.
आईआईटी परीक्षा उनेक लिए कठिन थी और कोचिंग जरूरी था. उन दिनों उन लड़कों ने सुना कि कोई फ्री कोचिंग हो रही है. लेकिन इसके लिए जरूरी था कि वे ऐप्टीट्यूड टेस्ट पास कर लें. दोनों भाइयों ने टेस्ट पास कर लिया और दोनों को फ्री कोचिंग मिल गई. राम को ओबीसी कोटा में 267 वां रैंक मिला जबकि श्याम को 1,816.
राम ने बताया कि मेरे माता-पिता को यह समझ में तो आ रहा था कि हमने कोई परीक्षा पास कर ली है लेकिन उन्हें इसका महत्व समझ में नहीं आया. अपना लक्ष्य पाने के लिए मेरे और मेरे भाई के लिए यह पहला कदम है.
लेकिन यह परीक्षा में पास कर जाने से इन भाइयों की समस्या खत्म नहीं हुई है. उन्हें वहां की भारी फीस की चिंता सताने लगी है. वह समझ नहीं पा रहे हैं कि उस खर्च को वे कैसे पूरा करेंगे.