देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जेनरल इंश्योरेंस संयुक्त उपक्रम कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 74 फीसदी से घटाकर 51 फीसदी करने और उसकी प्रक्रिया शुरू कर देने का फैसला किया है. बैंक ने यह जानकारी गुरुवार को दी.
बैंक ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज को दी गई नियमित सूचना में कहा कि केंद्रीय बोर्ड की कार्यकारी समिति (ईसीसीबी) ने 25 मार्च को संयुक्त उपक्रम समझौता के अनुरूप एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में अपनी हिस्सेदारी को 74 फीसदी से घटाकर 51 फीसदी करने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया.
एसबीआई ने कहा कि दूसरी साझेदारी कंपनी ऑस्ट्रेलिया की इंश्योरेंस ऑस्ट्रेलिया ग्रुप बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करेगी.
उल्लेखनीय है कि संसद में हाल ही में पारित बीमा विधेयक में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अधिकतम सीमा को 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने का प्रावधान है.
हिस्सेदारी में होने वाले बदलाव से पूरी संभावना है कि बीमा कंपनी का नाम भी बदल जाएगा.
एसबीआई जेनरल के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीव हॉलो ने कहा, 'प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. आईएजी ने अपनी ओर से मूल्यांक के रूप में एक ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी का चुनाव किया है.' उन्होंने हालांकि उस एजेंसी का नाम नहीं बताया.
हॉलो ने कहा कि जेनरल इंश्योरेंस कंपनी का मूल्यांकन करने का कोई एक तरीका नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके लिए कुल प्रीमियम, कारोबार की संभावना, शुद्ध लाभ और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि मौजूदा कारोबार की समाप्ति एसबीआई जेनरल 1,600 करोड़ रुपये के प्रीमियम के साथ कर सकती है और अगले कारोबारी साल में इसमें 50 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है.
एसबीआई की एक जीवन बीमा संयुक्त उपक्रम 'एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड' में भी 74 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें बीएनपी परिबास की हिस्सेदारी 26 फीसदी है.
इस कंपनी में हिस्सेदारी में बदलाव को लेकर बैंक ने हालांकि कोई टिप्पणी नहीं की है.
- इनपुट IANS