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SBI समेत 6 बैंकों के साथ फ्रॉड, 411 करोड़ का चूना लगा विदेश भागे प्रमोटर

बैंकिंग फ्रॉड से जुड़े एक और मामले का खुलासा हुआ है. इस मामले में फ्रॉड करने वाले राम देव इंटरनेशनल के तीन प्रमोटर देश छोड़ चुके हैं.

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SBI समेत 6 बैंकों को झटका
SBI समेत 6 बैंकों को झटका

  • राम देव इंटरनेशनल के 3 प्रमोटर ने चूना लगाया
  • बासमती चावल का निर्यात करने वाली कंपनी है
  • हाल ही में सीबीआई ने मामला भी दर्ज किया है

बैंकिंग फ्रॉड को रोकने के लिए रिजर्व बैंक की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत कई बैंकिंग नियमों में बदलाव भी किए गए हैं. इस बीच, एक और बैंक फ्रॉड का मामला सामने आया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राम देव इंटरनेशनल के तीन प्रमोटर ने SBI समेत 6 बैंकों को 411 करोड़ का चूना लगाया है.

अहम बात ये है कि फ्रॉड के बाद देश से फरार भी हो चुके हैं. इस पर सीबीआई ने हाल में मामला भी दर्ज किया है. यहां आपको बता दें कि राम देव इंटरनेशनल पश्चिम एशियाई देशों और यूरोपीय देशों को बासमती चावल का निर्यात करने वाली कंपनी है.

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क्या कहा अधिकारियों ने ?

न्यूज एजेंसी को अधिकारियों ने बताया कि एसबीआई द्वारा इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराए जाने से पहले ही ये देश से भाग चुके हैं. सीबीआई ने हाल में राम देव इंटरनेशनल और उसके निदेशकों नरेश कुमार, सुरेश कुमार और संगीता के खिलाफ एसबीआई की शिकायत पर मामला दर्ज किया था.

एसबीआई का ये है आरोप

एसबीआई ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने उसको 173 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. एसबीआई ने शिकायत में कहा है कि कंपनी की करनाल जिले में तीन चावल मिलें, आठ छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां हैं. कंपनी ने व्यापार के लिए सऊदी अरब और दुबई में कार्यालय भी खोले हुए हैं. एसबीआई के अलावा कंपनी को लोन देने वाले बैंकों में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और कॉरपोरेशन बैंक शामिल हैं.

ये पढ़ें—PNB में एक और फ्रॉड का खुलासा, भूषण पावर ने लगाया 3,800 करोड़ का चूना

अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते अभी तक इस मामले में छापेमारी की कार्रवाई नहीं की गई है. जांच एजेंसी इस मामले में आरोपियों को समन की प्रक्रिया शुरू करेगी. अधिकारियो ने कहा कि यदि आरोपी जांच में शामिल नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. एसबीआई की शिकायत के अनुसार इस कंपनी का खाता 27 जनवरी, 2016 को नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) बन गया था.

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