संकट और कानूनी पेच में फंसी होम लोन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, आरबीआई ने DHFL मामले को औपचारिक रूप से दिवाला कार्रवाई के लिए भेजने से पहले 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है.
आरबीआई की ओर से जारी बयान के मुताबिक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन राजीव लाल, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के एमडी एन एस कन्नन और एसोसिएशंस ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के चीफ एग्जीक्यूटिव एन एस वेंकटेश को नियुक्त किया गया है. यह समिति DHFL के प्रशासक को सलाह देने का काम करेगी.
आरबीआई ने इससे पहले डीएचएफएल के बोर्ड को भंग करते हुए उसे प्रशासक के तहत कर दिया था. इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के पूर्व एमडी आर सुब्रमण्यकुमार को प्रशासक नियुक्त किया गया है. कंपनी संचालन से जुड़ी चिंताओं और बॉन्ड की देनदारी चुकाने में चूक के चलते आरबीआई ने यह कदम उठाया.
बता दें कि होम लोन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएचएफएल कामकाज के संचालन में खामी और गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है. बीते अक्टूबर महीने में डीएचएफएल ने चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान किया था. इसके मुताबिक कंपनी को जून तिमाही में 242.48 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इससे पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में कंपनी को 431.71 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.
डीएचएफएल पर लगे कई आरोप
वहीं डीएचएफएल के मैनेजमेंट पर कई गंभीर आरोप भी लगे हैं. आरोप है कि डीएचएफएल के सनब्लिंक रियल एस्टेट कंपनी से कारोबारी संबंध हैं. इसके मुताबिक डीएचएफएल ने रियल एस्टेट कंपनी को 2,186 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. यह कर्ज अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी इकबाल मिर्ची को ट्रांसफर हुआ. इस मामले में सनब्लिंक रियल एस्टेट भी जांच के घेरे में है. बहरहाल, ईडी दस्तावेजों और अन्य सबूतों के आधार पर साक्ष्य की तलाश कर रही है.