केंद्र सरकार ने देश भर के नेशनल हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल टैक्स कलेक्शन सिस्टम शुरू करने के लिए कमर कस ली है. सरकार की ओर से परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि दिसंबर के अंत तक इनमें से 350 टोल प्लाजा पर रोड टैक्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम काम करना शुरू कर देगी. उन्होंने कहा कि इससे 34,000 करोड़ रुपये की बचत होगी.
दिल्ली से कंप्यूटर के जरिए दिल्ली-मुंबई हाईवे पर ईटीसी प्रणाली का उद्घाटन करते हुए गडकरी ने कहा, ‘दिसंबर 2015 तक हमने देश भर के सभी नेशनल हाईवे पर 350 इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) प्रणाली लागू करने की योजना बनाई है जिससे टोल के कारण होने वाली देरी की वजह से 27,000 करोड़ रुपये की बचत में मदद मिलेगी और 7,000 करोड़ रुपये का ईंधन बचेगा.’ गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई हाईवे पर ईटीसी लागू होने पर सालाना 1,200 करोड़ रुपये की बचत होगी.
उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई नेशनल हाईवे पर 18 टोल प्लाजा हैं और वाहनों को इन ठिकानों पर शुल्क अदा करने में करीब 10 मिनट का समय लगता हैं जिससे कुल यात्रा में करीब 180 मिनट या तीन घंटे बर्बाद होते हैं.
हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरने वाले दिल्ली मुंबई मार्ग पर 55 टोल प्लाजा पर ईटीसी प्रणाली लागू कर दी गई है और इन्हें केंद्रीय निपटान केंद्र से जोड़ने काम पूरा किया जा चुका है. मुंबई (चारोटी) और अहमदाबाद के बीच 10 टोल प्लाजा पर ईटीसी प्रणाली की पायलट परियोजना की जांच की जा चुकी है.
केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया है कि भविष्य में सभी हाईवे परियोजनाओं के कांट्रैक्ट के तहत ईटीसी लेन का प्रावधान अनिवार्य किया जाए. फिलहाल टोल कलेक्शन में कुछ समस्याएं हैं जिसमें नेशनल हाईवे पर अलग-अलग इलाकों में समान दर न होना और जरूरत से अधिक या कम दर की वसूली की शिकायतें आदि शामिल हैं.
देश भर में ईटीसी लागू करने के लिए कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत एक नई कंपनी ‘भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड’ बनाई गई है.