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अनलॉक-1 का असर: जून में बेरोजगारी दर घटकर 10.99 फीसदी हुई, मई में थी 23.48% की ऊंचाई पर

यह लग रहा है कि देश में जॉब के मामले में हालात अब लॉकडाउन से पहले वाले दौर की तरह हो रहे हैं. इस दौरान शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 12.02 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर 10.52 फीसदी रही.

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लॉकडाउन में वापस गए मजदूरों का एक हिस्सा वापस आ रहा है (फाइल फोटो)
लॉकडाउन में वापस गए मजदूरों का एक हिस्सा वापस आ रहा है (फाइल फोटो)

  • जून महीने में बेरोजगारी दर में आई है भारी गिरावट
  • अप्रैल में बेरोजगारी रिकॉर्ड 23.52% पर पहुंच गई थी

अनलॉक-1 के बाद जून महीने में देश की बेरोजगारी दर में भारी गिरावट आई है. इस दौरान बेरोजगारी दर सिर्फ 10.99 फीसदी रही, जबकि मई में यह 23.48 फीसदी की ऊंचाई पर थी. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है.

इससे यह लग रहा है कि देश में हालात अब लॉकडाउन से पहले वाले दौर की तरह हो रहे हैं. इस दौरान शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 12.02 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर 10.52 फीसदी रही.

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सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा में

आंकड़ों के मुताबिक जून महीने के दौरान सबसे ज्यादा 33.6 फीसदी बेरोजगारी हरियाणा में रही. इसके बाद ​त्रिपुरा में 21.3 फीसदी और झारखंड में 21 फीसदी बेरोजगारी रही. CMIE के मुताबिक जून में देश में कुल 37.3 करोड़ लोग रोजगार में थे. इस तरह जून में रोजगार की दर 35.9 फीसदी थी.

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अप्रैल में थी रिकॉर्ड बेरोजगारी

गौरतलब है कि 25 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लगने के बाद देश में अप्रैल महीने में 23.52 फीसदी की रिकॉर्ड बेरोजगारी देखी गई. इसके बाद मई महीने में भी 23.48 फीसदी की बेरोजगारी देखी गई क्योंकि ज्यादातर आर्थिक गतिविधियां बंद थीं. मई के पहले हफ्ते तो बेरोजगारी दर 27.1 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी. CMIE के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में करीब 12.2 करोड़ नौकरियां चली गई थीं.

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लॉकडाउन से पहले वाले दौर की बात करें तो मार्च महीने में बेरोजगारी की दर महज 8.75 फीसदी थी. इसी तरह जनवरी में यह महज 7.22 फीसदी और फरवरी में सिर्फ 7.76 फीसदी थी.

CMIE के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ महेश व्यास ने कहा, 'बेरोजगारी दर में गिरावट आई है और साथ ही श्रमबल में भागीदारी दर भी लॉकडाउन से पहले वाले दौर के करीब हो गया है.'

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार

उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन पहले कुछ हफ्तों, फिर महीनों तक खिंच गया, इसकी वजह से परेशानी इतनी बढ़ी कि हमने असहाय मजदूरों को अपने घर वापस जाने की हृदय विदारक तस्वीरें देखीं. अब जीडीपी में 5 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है.'

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उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में सुधार की वजह यह है कि सरकार ने मनरेगा पर खर्च बढ़ाया है और खरीफ की बुवाई में भी काफी लोग लगे हैं. इसकी वजह से शहरों से जाने वाले मजदूर में काम में लग गए. अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी मजदूरी बढ़ रही है.

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