scorecardresearch
 

दुकान या ऑफिस स्पेस कहां करें निवेश, किससे होगी ज्यादा कमाई?

दुकान हो या ऑफिस, सही जगह चुनना सबसे बड़ी बात है, बड़े शहरों के मुख्य बाजारों में दुकानों की कीमत हर साल 10%-15% तक बढ़ सकती है. वहीं, ऑफिस की कीमत में 8%-12% की स्थिर बढ़ोतरी होती है.

Advertisement
X
रियल एस्टेट में कैसे करें निवेश
रियल एस्टेट में कैसे करें निवेश

हमारे देश में रियल एस्टेट में निवेश कमाई का बेहतर जरिया माना जाता है. लोग अपना घर किराए पर देकर पैसे कमाते हैं, तो वहीं कुछ लोग दुकान और ऑफिस स्पेस किराए पर देकर कमाई करते हैं, लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं दुकान में निवेश करें या ऑफिस स्पेस में. ऐसे में सवाल ये है कि रिटेल दुकानें बेहतर हैं या ऑफिस की जगह. दोनों के अपने फायदे और नुकसान क्या हैं?

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

प्रॉपर्टी एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा कहते हैं- रिटेल दुकानों से अच्छा किराया (8%-12%) मिल सकता है, खासकर अगर वो किसी बड़े बाजार या मॉल में हों. पर ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती डिमांड और जगह की क्वालिटी इसकी कामयाबी तय करती है. दूसरी ओर ऑफिस स्पेस से 6%-9% किराया मिलता है और बड़ी कंपनियां इसे 3-10 साल के लिए किराए पर लेती हैं, जिससे स्थिर कमाई होती है. आपके लिए कौन सही है, ये आपकी जरूरत पर निर्भर करता है.

 

यह भी पढ़ें: दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सस्ते प्लॉट खरीदने का मौका

अगर आप किसी बड़े बाजार में दुकान लेते हैं, तो उसकी कीमत तेजी से बढ़ सकती है और किराया भी अच्छा मिल सकता है. मिसाल के तौर पर, दिल्ली के कनॉट प्लेस या मुंबई के बांद्रा जैसे इलाकों में रिटेल दुकानों की डिमांड हमेशा रहती है, लेकिन छोटे शहरों (Tier-2 और Tier-3) में 10%-15% दुकानें खाली रह सकती हैं, जिससे नुकसान का डर रहता है. वहीं, ऑफिस की जगह, खासकर आईटी शहरों जैसे गुरुग्राम और बेंगलुरु में, कम खाली रहती है (10%-12%)। पिछले साल 2023 में फ्लेक्सिबल ऑफिस की मांग 40% बढ़ी, जिससे ये निवेश और मजबूत हुआ है. 

Advertisement

सही जगह का करें चुनाव

दुकान हो या ऑफिस, सही जगह चुनना सबसे बड़ी बात है, बड़े शहरों के मुख्य बाजारों में दुकानों की कीमत हर साल 10%-15% तक बढ़ सकती है. वहीं, ऑफिस की कीमत में 8%-12% की स्थिर बढ़ोतरी होती है. मुंबई-पुणे या दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसे नए इलाकों में दोनों की डिमांड बढ़ रही है. लेकिन ऑफिस की देखभाल का खर्च दुकानों से 15%-25% कम होता है, जो इसे किफायती बनाता है. अगर आपके पास अच्छी सड़क और मेट्रो से जुड़ी जगह है, तो दोनों में से कोई भी चुनें, फायदा मिलेगा.

यह भी पढ़ें: बिल्डर हो जाए दिवालिया तो क्या डूब जाएगा बायर्स का पैसा, जानिए क्या करें घर खरीदार?

रिटेल दुकानों में जोखिम ज्यादा है, क्योंकि बाजार की हालत और ऑनलाइन शॉपिंग इसका असर डालते हैं, लेकिन अगर सब सही रहा, तो रिटर्न भी शानदार मिलता है. दूसरी तरफ, ऑफिस की जगह से कम लेकिन पक्की कमाई होती है. मिसाल के लिए, अगर कोई बड़ी कंपनी आपका ऑफिस 5 साल के लिए किराए पर लेती है, तो आपको हर महीने टेंशन-फ्री पैसा मिलेगा.

रिटेल दुकानें और ऑफिस की जगह दोनों के अपने-अपने फायदे हैं. दुकानों से ज्यादा कमाई का मौका है, लेकिन जोखिम भी बराबर है. ऑफिस की जगह से कम रिटर्न मिलता है, पर ये सुरक्षित और लंबा चलता है. पैसा लगाने से पहले अपनी जरूरत, बजट और बाजार की हालत को अच्छे से समझें, सही जगह और सही वक्त पर किया गया निवेश ही आपको मालामाल बना सकता है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement