कोरोना महामारी के बाद से भारत का हाउसिंग मार्केट रिकॉर्ड तोड़ रहा है. एक नई रिसर्च से पता चला है कि पिछले कुछ सालों में प्रॉपर्टी की कीमतों और किराए में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. इस रेस में सबसे आगे रहा है नोएडा का सेक्टर 150. ANAROCK की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रीमियम इलाके में प्रॉपर्टी के रेट में 139% का उछाल आया है, जबकि किराया भी 71% बढ़ गया है. इस तेजी से यह साबित हो रहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार के मौके रियल एस्टेट सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं.
एनारॉक की रिसर्च के अनुसार कुछ माइक्रो-मार्केट्स में तो कीमतों में 100% से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है, और किराए में भी महंगाई से कहीं ज़्यादा का इजाफा हुआ है. सात बड़े शहरों के 14 प्रमुख माइक्रो-मार्केट्स में, 2021 के अंत से 2025 की दूसरी तिमाही के बीच, कैपिटल वैल्यू 24% से 139% तक बढ़ी है, जबकि किराए में 32% से 81% तक की वृद्धि हुई है.
नोएडा का सेक्टर 150, 2021 से भारत के हाउसिंग मार्केट में सबसे आगे रहा है. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ANAROCK की एक रिसर्च के मुताबिक, प्रीमियम टाउनशिप का हब कहे जाने वाले नोएडा के सेक्टर 150 में औसत कैपिटल वैल्यू में 139% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जो अब ₹13,600 प्रति वर्ग फुट है. वहीं, औसत मासिक किराया भी 71% बढ़कर ₹27300 तक हो गया है. यह सात बड़े शहरों के 14 माइक्रो-मार्केट में सबसे तेज़ उछाल है.
बड़े इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट्स और निवेशकों की मजबूत दिलचस्पी के कारण इस सेक्टर का तेजी से विकास हुआ है. यह दिखाता है कि कैसे एनसीआर के कुछ चुनिंदा इलाके देश की रियल एस्टेट ग्रोथ की नई कहानी लिख रहे हैं. डेटा के अनुसार, बेंगलुरु भी इस रियल एस्टेट उछाल का एक बड़ा विजेता रहा है. बेंगलुरु के सरजापुर रोड पर कीमतों में 79% और किराए में 81% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि थानिसंद्रा मेन रोड पर कीमतों में 81% की और किराए में 65% की बढ़ोतरी देखी गई है.
आईटी कॉरिडोर के विस्तार, नई नौकरियों के बनने और मेट्रो लाइनों के तेजी से विकास के कारण ये दोनों माइक्रो-मार्केट घर खरीदारों और निवेशकों के पसंदीदा बन गए हैं. ANAROCK द्वारा विश्लेषण किए गए 14 हाई-परफॉर्मिंग माइक्रो-मार्केट में, 2021 और 2025 की दूसरी तिमाही के बीच कैपिटल वैल्यू 24% से 139% तक बढ़ी है, जबकि किराया 32% से 81% तक बढ़ा है. यह बढ़ोतरी वेतन वृद्धि और महंगाई दोनों से कहीं ज़्यादा है.
नोएडा के सेक्टर 150 और बेंगलुरु के थानिसंद्रा मेन रोड के बाद, हैदराबाद का गचीबोवली और पुणे का वाघोली भी अच्छे रिटर्न के लिए जाने गए, जहां किराया क्रमश- 66% और 69% बढ़ा. विश्लेषकों का कहना है कि महामारी के बाद मांग में बढ़ोतरी, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और लगातार निवेश के कारण यह उछाल आया है. नतीजतन, इन इलाकों में घर अब सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि एक हाई-यील्ड एसेट बन गए हैं.
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एक्सपर्ट का कहना है कि जिन मार्केट्स में नई मेट्रो लाइन, एक्सप्रेसवे या एयरपोर्ट के पास होने का फायदा मिला, उन्होंने लगातार बेहतर प्रदर्शन किया. यह दिखाता है कि कनेक्टिविटी और रोजगार ही कीमतों और किराए दोनों को बढ़ाते हैं.
नोएडा के सेक्टर 150 के अलावा, गुरुग्राम के सोहना रोड ने भी अच्छी ग्रोथ दिखाई है, जहां 2021 से प्रॉपर्टी की कीमतें 74% बढ़ी हैं, जबकि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी और आस-पास कॉर्पोरेट लीजिंग की वजह से किराया 50% बढ़ा है.
भारत के रियल एस्टेट मार्केट में, ग्रोथ इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ चलती है, और किराए में स्थिरता नौकरियों के साथ चलती है. निवेशकों के लिए, कनेक्टिविटी और रोजगार के अगले हब को पहचानना ही औसत रिटर्न और असाधारण रिटर्न के बीच का फर्क हो सकता है.