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भारत में रियल एस्टेट का नया ट्रेंड, फ्लैट छोड़ क्यों प्लॉट खरीद रहे हैं लोग?

लोग अब फ्लैट्स की बजाय रेजिडेंशियल प्लॉट को ज्यादा पसंद कर रहे हैं. ये बदलाव इसलिए हो रहा है क्योंकि लोग अपने हिसाब से घर बनाना चाहते हैं और टियर 2 शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो रहा है.

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फ्लैट छोड़कर लोग खरीद रहे हैं प्लॉट  (Photo: AI-generated)
फ्लैट छोड़कर लोग खरीद रहे हैं प्लॉट (Photo: AI-generated)

भारत का रियल एस्टेट मार्केट तेजी से बदल रहा है, क्योंकि लोग अब फ्लैट की बजाय रेजिडेंशियल प्लॉट को ज्यादा पसंद कर रहे हैं. ये बदलाव इसलिए हो रहा है क्योंकि लोग अपने हिसाब से घर बनाना चाहते हैं और टियर 2 शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो रहा है. PropEquity की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 से मई 2025 तक टॉप शहरों में करीब 4.7 लाख रेजिडेंशियल प्लॉट्स लॉन्च हुए, जिनमें से 52% टियर 2 शहरों से आए. इन लॉन्च की अनुमानित कीमत 2.44 लाख करोड़ रुपये है, जो निवेश के पैटर्न में बड़े बदलाव को दिखाता है.

किन शहरों में है प्लॉट का ज्यादा डिमांड?

इस डेवलपमेंट में आगे रहने वाले प्रमुख शहरों में हैदराबाद, इंदौर, बेंगलुरु, चेन्नई और नागपुर शामिल हैं. टियर 1 शहरों में सिर्फ हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई टॉप 10 में आए, जो मिलकर कुल प्लॉट लॉन्च का लगभग 48% हिस्सा हैं. ये हाई-राइज अपार्टमेंट्स से हटकर एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि अब प्लॉट्स रियल एस्टेट पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बन गए हैं. 2025 के पहले पांच महीनों में ही 45,591 रेजिडेंशियल प्लॉट्स लॉन्च हुए.

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PropEquity के फाउंडर और सीईओ समीर जसूजा ने कहा- 'महामारी के बाद निवेशकों के लिए रेजिडेंशियल प्लॉट्स एक सुरक्षित विकल्प बन गए हैं, क्योंकि इनमें लचीलापन, कीमत बढ़ने की संभावना और बेहतर लिक्विडिटी है. डेवलपर्स के लिए प्लॉट्स तेजी से कैश फ्लो देते हैं, क्योंकि इनकी बिक्री जल्दी होती है और अपार्टमेंट्स की तुलना में शुरुआती पूंजी की जरूरत कम होती है." ये बात निवेशकों और डेवलपर्स की फ्लैट्स की बजाय प्लॉट्स को तरजीह देने की वित्तीय और रणनीतिक वजहों को दर्शाती है.

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टियर 2 शहरों और दक्षिणी मेट्रो शहरों जैसे बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में प्लॉट्स की मांग में खासा उछाल देखा जा रहा है. जसुजा ने कहा- "टियर 2 शहरों और प्रमुख दक्षिणी मेट्रो शहरों, जैसे बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. 2025 की शुरुआत में हाई-राइज अपार्टमेंट्स की मांग कमजोर होने के कारण प्लॉट्स ज्यादा ध्यान खींच रहे हैं." इस ट्रेंड के साथ-साथ 2024 में इंदौर, रायपुर, कोयंबटूर और मैसूर जैसे शहरों में कीमतों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई, जो रेजिडेंशियल प्लॉट्स की बढ़ती वैल्यू को दिखाता है.

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हालांकि, इस रफ्तार के बावजूद, 2024 में टॉप 10 शहरों में प्लॉट्स की कुल सप्लाई में साल-दर-साल 23% की कमी आई, जबकि 2023 में 24% की बढ़ोतरी देखी गई थी. फिर भी, चेन्नई, कोयंबटूर और सूरत जैसे कुछ शहरों में सप्लाई बढ़ी, जो अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग सप्लाई रिस्पॉन्स को दिखाता है. पिछले साल इंदौर ने 26,538 यूनिट्स के साथ प्लॉट लॉन्च में लीड किया, जो रियल एस्टेट सेक्टर में उसकी अहमियत को दर्शाता है.

2024 में प्लॉट्स की औसत लॉन्च कीमत में 27% की बढ़ोतरी हुई, जो प्रति वर्ग फुट 3,679 रुपये तक पहुंच गई. जैसे-जैसे शहर अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रहे हैं और लोग ज्यादा पर्सनलाइज्ड रहने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं, रेजिडेंशियल प्लॉट्स की ओर रुझान जारी रहने की संभावना है. ये बदलाव न सिर्फ ग्राहकों की बदलती पसंद को दिखाता है, बल्कि डेवलपर्स की उस रणनीति को भी उजागर करता है, जिसमें वे कैश फ्लो को बेहतर करने और पूंजीगत खर्च के जोखिम को कम करने की कोशिश कर रहे हैं.

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