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गुरुग्राम में सर्किल रेट बढ़ने से मिडिल क्लास के लिए क्या घर खरीदना रह जाएगा सिर्फ 'सपना' !

सर्किल रेट में बढोतरी से मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के खरीदारों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा, क्योंकि स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन शुल्क, और प्रॉपर्टी की कुल लागत में इजाफा होगा.

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गुरुग्राम में सर्किल रेट बढ़ने से घर खरीदारों की मुश्किल बढ़ी (Photo-ITG)
गुरुग्राम में सर्किल रेट बढ़ने से घर खरीदारों की मुश्किल बढ़ी (Photo-ITG)

गुरुग्राम में प्रॉपर्टी के रेट पहले से ही आसमान छू रहे हैं और अब सर्किल रेट बढ़ने से लोगों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना और महंगा हो सकता है. रियल एस्टेट एक्सपर्ट का मानना है कि रेट बढ़ने से प्रॉपर्टी मार्केट पर और असर पड़ सकता है. गुरुग्राम में सर्किल रेट की आखिरी बार संशोधन 1 दिसंबर, 2024 को हुआ था, जब हरियाणा सरकार ने विभिन्न इलाकों में दरों को 10% से 30% तक बढ़ाया था. 

हरियाणा सरकार ने सर्किल रेट बढ़ा दिया है. इस फैसले के बाद गुड़गांव का साउथ सिटी 1 अब हरियाणा का सबसे महंगा इलाका बन गया है. यहां पहले जमीन का रेट 82 हजार रुपये प्रति वर्ग गज था जो अब बढ़कर 90 हजार रुपये प्रति वर्ग गज हो गया है.

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मिडिल क्लास पर क्या असर?

मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के घर खरीदार, जिनका बजट आमतौर पर 1-2 करोड़ रुपये तक रहता है, सर्किल रेट बढ़ने से  स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ेगी जिसके चलते प्रीमियम सोसायटीज में 2BHK खरीदना मुश्किल होगा. अभी गुरुग्राम की ऐसी हालत है कि 1 करोड़ के बजट में भी अच्छी सोसायटी में 2BHK नहीं मिल रहा है. सर्किल रेट बढ़ने से डेवलपर्स भी फ्लैट्स की कीमतें बढ़ा सकते हैं, क्योंकि बाजार मूल्य अक्सर सर्किल रेट से अधिक होते हैं. इससे मध्यम वर्ग के लिए किफायती विकल्प कम हो सकते हैं.

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पॉश इलाकों में चुनौती

डीएलएफ फेज 1-5, साउथ सिटी, सुशांत लोक और गोल्फ कोर्स रोड जैसे प्रीमियम क्षेत्रों में सर्किल रेट बढ़ने से 2BHK फ्लैट्स की कीमतें 2-3 करोड़ से अधिक हो सकती हैं. 
 
द्वारका एक्सप्रेसवे या सेक्टर 84, 85, 103 जैसे नए क्षेत्रों में, जहां प्रॉपर्टी की कीमतें 2020 से 2024 तक दोगुनी हो चुकी हैं, 2BHK यूनिट्स अभी भी 2-3 करोड़ के दायरे में उपलब्ध हो सकती हैं. 

क्या 2-3 करोड़ की 2BHK बजट से बाहर हो जाएगा?

फिलहाल द्वारका एक्सप्रेसवे या नए सेक्टरों (जैसे सेक्टर 84, 85) में 2BHK 2-3 करोड़ के बजट में मिल सकता है. खासकर मिड-सेगमेंट प्रोजेक्ट्स में. हालांकि, साउथ सिटी-1, सुशांत लोक, या डीएलएफ जैसे पॉश इलाकों में ये यूनिट्स पहले ही इस बजट से बाहर हो चुकी हैं, क्योंकि बाजार मूल्य 50,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से अधिक हैं. सर्किल रेट में 10-77% की वृद्धि और बाजार मूल्य में लगातार वृद्धि (पिछले 4 वर्षों में द्वारका एक्सप्रेसवे पर दोगुनी) के कारण, 2-3 करोड़ की 2BHK इकाइयां जल्द ही मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के बजट से बाहर हो सकती हैं. विशेष रूप से, यदि स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में 10-20% की वृद्धि होती है, तो कुल लागत 20-30 लाख रुपये तक बढ़ सकती है.

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