दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को हाल ही में ट्रायल रन के लिए खोल दिया गया है, हालांकि इसके परिचालन की अंतिम तारीख कई बार बदली गई है, पहले जुलाई 2025, फिर दिसंबर 2025. अब, इसका औपचारिक उद्घाटन फरवरी 2026 तक होने की उम्मीद है.
यह एक्सप्रेसवे अपने बड़े लाभों के कारण चर्चा में है (जैसे 6 घंटे के सफर को लगभग 2.5 घंटे में सीमित करना), और NHAI अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अगले साल इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा सकता है.
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एक्सप्रेसवे का रियल एस्टेट और व्यापार पर प्रभाव
नया एक्सप्रेसवे अपने आसपास के इलाकों में कई तरह के रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को बढ़ावा देगा. कनेक्टिविटी बेहतर होने से, कई रियल एस्टेट डेवलपर्स एक्सप्रेसवे के पास अपार्टमेंट और प्लॉटों का निर्माण शुरू कर सकते हैं. नतीजतन, एक्सप्रेसवे के पास की जगहों पर संपत्ति में निवेश करना भविष्य में फायदेमंद अवसर साबित हो सकता है.
आवासीय विकास के अलावा, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के रूट पर कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी देखने को मिलेंगे, जैसे कि रेस्तरां, शॉपिंग मॉल, अस्पताल, ऑफिस स्पेस और आईटी पार्क. एक्सप्रेसवे दूरी और समय को काफी कम कर देता है. लगभग 235 किमी की यात्रा अब 210 किमी की रह जाएगी. यात्रा का समय 6 घंटे से अधिक से घटकर केवल करीब 2.5 घंटे होने का अनुमान है.
रियल एस्टेट एक्सपर्ट की राय
मैजिकब्रिक्स के सीएमओ, प्रसून कुमार ने कहते हैं- "जब भी इतनी बड़ी कनेक्टिविटी सुधरती है, तो यह स्वाभाविक रूप से पूरे क्षेत्र के लिए नए अवसर खोलती है." वे कहते हैं कि दिल्ली के बाहरी क्षेत्रों, गाजियाबाद के आस-पास के हिस्सों और बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर जैसे उच्च क्षमता वाले बाजारों में पहले से ही लोगों की अधिक रुचि देखने को मिल रही है. उनके अनुसार, दिल्ली और उत्तराखंड तक बेहतर पहुंच मिलने से इन इलाकों के लिए अब डेवलपर्स, निवेशक और अंतिम उपयोगकर्ता सभी की रुचि बढ़ रही है. यह एक्सप्रेसवे केवल यात्रा का समय ही कम नहीं कर रहा है.
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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़े बागपत में जमीन की दरें अभी भी ₹3,566 प्रति वर्ग फुट हैं, जबकि 2024 में इनमें 20-30% की वृद्धि हुई है, जो गाजियाबाद की औसत दर ₹7,645/वर्ग फुट की तुलना में काफी कम है. लोहिया वर्ल्डस्पेस के पीयूष लोहिया कहते हैं- 'कनेक्टिविटी मजबूत होने पर बागपत में भविष्य में मूल्य वृद्धि की स्पष्ट गुंजाइश है, जैसा कि अन्य परिवहन गलियारों के पिछले रुझानों में देखा गया है. एक्सप्रेसवे के आस-पास औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स गतिविधियों में तेज़ी आने की उम्मीद है, जैसे कि बागपत में औद्योगिक पार्क और गाजियाबाद में लॉजिस्टिक्स हब, जो हजारों नौकरियां पैदा करेंगे और आवास की मांग बढ़ाएंगे. '
होम एंड सोल की साक्षी कटियार कहती हैं - 'देहरादून में तो सबसे ज़्यादा तेजी आएगी. वहां प्रॉपर्टी के रेट 30% से भी ज़्यादा बढ़ सकते हैं. यह एक्सप्रेसवे सिर्फ सामान पहुंचाने के लिए ही बढ़िया नहीं है, बल्कि इससे लोगों के सेकंड होम और बढ़िया, आलीशान घरों की मांग भी बढ़ेगी, क्योंकि अब दिल्ली से देहरादून दूर नहीं रहेगा.' सीधी बात कहें तो, यहां के लोगों, दुकानदारों और प्रॉपर्टी में पैसे लगाने वालों के लिए समय की बचत ही मुनाफ़ा बन जाएगी.'
(रिपोर्ट- असीम थपलियाल)
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