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'रिटायरमेंट के पैसे से फ्लैट बुक कराया, बच्चों ने घर से निकाला..' कहां जाएं Earth Towne के घर खरीदार

बायर्स का आरोप है कि बिल्डर ने खूबसूरत मॉडल दिखाकर फ्लैट बेचा, उन्हें बेवकूफ बनाया गया. जहां खूबसूरत सोसायटी बननी थी, वहां अधूरी वीरान इमारतें धूल खा रही हैं. अब केस कोर्ट में हैं, लेकिन सुनवाई की डेट बार-बार टलने से लोग परेशान हो चुके हैं

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 Earth Towne में घर लेकर फंसे लोग
Earth Towne में घर लेकर फंसे लोग

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के Earth Towne प्रोजेक्ट में सैकड़ों लोगों ने अपना घर बुक कराया था. बैंक से लोन लेकर फ्लैट के पैसे भी दिए. लेकिन सालों के इंतजार के बाद अभी तक घर नहीं मिला. पहले बिल्डर के पार्टनर के बीच विवाद हुआ तो प्रोजेक्ट का काम रुक गया. बाद में लोगों ने कोर्ट की शरण ली, लेकिन लोगों का आरोप है कि कोर्ट से भी उन्हें बस डेट मिल रही है. बायर्स इतने परेशान हो गए हैं कि अब ये कह रहे हैं कि कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई तो हम लोग अपने प्रोजेक्ट के पास टेंट लगाकर रहेंगे. 

75 साल की श्रीदेवी ने 2010 में Earth Towne प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया था. पति रिटायर हुए तो जिंदगी भर की पूंजी इस घर में लगा दी कि रिटायरमेंट के बाद जिंदगी आराम से कटेगी. लेकिन उनके सपने तब चकनाचूर हो गए, जब पता चला कि बिल्डर ने प्रोजेक्ट का काम बंद कर दिया है. उसके बाद शुरू हुई एक लंबी लड़ाई और आज 15 साल के बाद भी घर मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही. श्रीदेवी और उनके पति अपने बेटे के घर में रहते हैं, लेकिन बेटा भी बार-बार घर से बाहर निकालने की धमकी देता है. दोनों अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं कि अगर बेटे ने घर से बाहर निकाल दिया तो कहां रहेंगे.

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अचानक बिल्डर ने बंद किया काम

फ्लैट के एक और बायर सत्य मित्र बताते हैं कि उन्होंने 2010 में बड़े अरमानों से घर खरीदा था, लेकिन 2011 आते आते हमे समझ आने लगा कि कुछ गड़बड़ है. हम लोग लगातार बिल्डर और अथॉरिटी से बात करते रहे कि आखिर हमारे घर काम क्यों स्लो हो रहा है, लेकिन हमारी कहीं सुनवाई नहीं हुई. 

दिल्ली के जनकपुरी की रहने वाली अनिता मलिक तो बिल्डर की पड़ोसी हैं, वो कहती हैं कि Earth Towne के बिल्डर के घर उनका आना जाना था. पड़ोसी की बात पर भरोसा करके उन्होंने एक नहीं बल्कि दो फ्लैट बुक कर लिए, लेकिन आज वो उस दिन को कोसती हैं, जिस दिन उन्होंने ये फ्लैट बुक कराया था. 15 साल हो गए, लेकिन उन्हें अभी तक एक भी फ्लैट नहीं मिला है.

अनिता कहती हैं-  पहले बिल्डर को जेल हुई तो हमारी उम्मीदें बिल्कुल खत्म हो गई थीं, लेकिन जेल से आने के बाद उन्होंने भरोसा दिलाया कि आप केस मत करना आपका घर जरूर मिलेगा, लेकिन कुछ दिन पहले ही बिल्डर के घर वाले और वो लोग रातों रात अपना घर बेचकर दिल्ली से चले गए.  

घर का इंतजार.

प्रतिमा शुक्ला सिंगल मदर हैं, अकेले बच्चों की परवरिश कर रही हैं, बड़े अरमानों से घर खरीदा था कि बच्चों के साथ अपने घर में रहेंगी, लेकिन आज 15 साल से बस इंतजार कर रही हैं. वो कहती हैं- बच्चों की पढ़ाई, घर का किराया और ईएमआई भरते-भरते जिंदगी खत्म होने वाली हैं, लेकिन अब इस जन्म में अपने घर मे शिफ्ट होने की उम्मीद खत्म होने लगी हैं. वो सरकार से अपील करती हैं कि बस हमारा घर दिला दीजिए. 

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बायर्स का आरोप है कि बिल्डर ने खूबसूरत मॉडल दिखाकर फ्लैट बेचा, उन्हें बेवकूफ बनाया गया. जहां खूबसूरत सोसायटी बननी थी, वहां अधूरी विरान इमारतें धूल खा रही हैं. अब केस कोर्ट में हैं, लेकिन सुनवाई की डेट बार-बार टलने से लोग परेशान हो चुके हैं. 


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