2. राजीव कुमार, वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव-
मोदी सरकार के कई प्रमुख एजेंडा जैसे सार्वजनिक बैंकों के विलय, फंसे कर्जों पर अंकुश आदि पर काम करने में राजीव कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उनके खाते में बीमा कंपनियों के विलय और सार्वजनिक बैंकों में सुधार की भी जिम्मेदारी है. वह वित्त मंत्रालय के पांच सचिवों में से सबसे सीनियर हैं. 1984 बैच के झारखंड काडर के आईएएस अधिकारी राजीव कुमार के कार्यकाल के दौरान ही बैंकों में 2.1 लाख करोड़ रुपये की रीकैपिटलाइजेशन कार्यक्रम की घोषणा की गई है. उन्हें बैंकों के विशाल एनपीए और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) में बने नकदी की तंगी जैसी चुनौतियों से निपटना है. यह उनका अंतिम बजट हो सकता है, क्योंकि उनके फरवरी अंत तक रिटायर हो जाने के आसार हैं.