लॉकडाउन के कारण मिली छूट का फायदा उठाते हुए पीएफ अकाउंट से खाताधारक तेजी से पैसा निकाल रहे हैं. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन(ईपीएफओ) के मुताबिक, अब तक करीब 13 लाख खाताधारक इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं.
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अब तक 4684.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. जाहिर सी बात है कि लोग पैसे की कमी को पूरा करने के लिए अपनी भविष्य निधि यानी पीएफ फंड का सहारा ले रहे हैं.
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एक सच ये भी है कि इससे आपके फ्यूचर प्लानिंग की कैलकुलेशन भी गड़बड़ हो रही है. ऐसे में जरूरी है कि स्थिति सामान्य होने पर एक बार फिर पीएफ फंड को मजबूत बनाया जाए. इससे आप अपने भविष्य के लिए कुछ रकम जुटा सकते हैं. आज हम आपको इसी प्लानिंग के बारे में बताएंगे...
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आप बढ़ा सकते हैं पीएफ में मंथली कंट्रीब्यूशन
कोरोना संकट खत्म होने के बाद आप अपनी नियोक्ता या कंपनी से अनुरोध कर पीएफ में मंथली कंट्रीब्यूशन बढ़ा सकते हैं. दरअसल, इम्पलाई प्रॉविडेंट फंड एक्ट के अनुसार ईपीएफओ का कोई भी मेंबर पीएफ में अपना मंथली कंट्रीब्यूशन बढ़ा सकता है.
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ये आपकी बेसिक सैलरी का 100 फीसदी भी हो सकता है. आपको ये बता दें कि हर
माह पीएफ में बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन
जाता है.
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वहीं 12 फीसदी ही कंपनी का कंट्रीब्यूशन होता है. अहम बात ये है
कि आप ईपीएफ में अपना जो कंट्रीब्यूशन बढ़ाएंगे उस पर आपको टैक्स छूट भी
मिलेगी. यह टैक्स छूट आपको इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत मिलती
है.
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हालांकि, पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ाने के बाद आपकी टेक होम सैलरी कम हो
जाएगी लेकिन भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ये एक बेहतर तरीका हो सकता
है. बता दें कि कोरोना संकट की वजह से ईपीएफ स्कीम, 1952 के पैरा 68एल में एक नया सब-पैरा (3) जोड़ा गया.
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इसके तहत कोई खाताधारक खाते की राशि का 75 प्रतिशत या फिर तीन महीने के महंगाई भत्ते(जो भी कम हो) के बराबर पैसे की निकासी कर सकता है. पैसा निकालने के बाद खाताधारक को फिर से खाते में जमा करने की जरूरत नहीं होगी.