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Stock Market Correction: ट्रंप ट्रेड की रैली और रेट कट भी हुआ, फिर भी थम क्यों नहीं रही शेयर बाजार की गिरावट? ये हैं 4 कारण

भारतीय शेयर बाजार पर ट्रंप की जीत और रेट कटौती का असर दिखाई नहीं दे रहा है. क्‍योंकि भारतीय शेयर बाजार के गिरने के कुछ मुख्‍य और बड़े कारण हैं. Nifty 50 एक महीने के दौरान 3.56 फीसदी टूट चुका है.

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भारतीय शेयर बाजार में करेक्‍शन
भारतीय शेयर बाजार में करेक्‍शन

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी है. आज भी सेंसेक्‍स (Sensex) और निफ्टी में गिरावट देखी जा रही है. सेंसेक्‍स जहां 130 अंक टूटकर 79,411 पर करोबार कर रहा था, जबकि Nifty 57 अंक टूटकर 24,140 पर कारोबार कर रहा था. निफ्टी बैंक में 250 अंकों की कमी देखी जा रही है. वहीं इससे एक दिन पहले सेंसेक्‍स में 900 अंक और निफ्टी में करीब 300 अंक की गिरावट आई थी. सबके मन में यही सवाल घूम रहा है कि आखिर भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) इतना टूट क्‍यों रहा है, आखिर वे कौन से कारण हैं? जिससे बाजार में गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही है.

वह भी ऐसे समय में जब अमेरिका में ट्रंप की सरकार बन चुकी और कुछ एक्‍सपर्ट्स इसे लेकर कह रहे थे कि इससे गिरावट थमेगी और रैली आएगी. हालांकि ऐसा हुआ भी लेकिन ये रैली सिर्फ 1 दिन तक ही टिक पाई. वहीं फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेट में लगातार कटौती की जा रही है. सितंबर के बाद फिर से रेट कैटोती की गई है. इस बार फेडरल रिजर्व बैंक ने 25 बेसिस प्‍वाइंट की कटौती की है. 

फिर क्‍यों टूट रहा शेयर बाजार
भारतीय शेयर बाजार पर ट्रंप की जीत और रेट कटौती का असर दिखाई नहीं दे रहा है. क्‍योंकि भारतीय शेयर बाजार के गिरने के कुछ मुख्‍य और बड़े कारण हैं. Nifty 50 एक महीने के दौरान 3.56 फीसदी टूट चुका है. आइए जानते हैं आखिर किन वजहों से टूट रहा शेयर बाजार... 

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  1. सबसे बड़ा कारण कंपनियों के खराब तिमाही नतीजे हैं. कई कंपनियों के नतीजे खराब आए हैं, जिस कारण बाजार में लगातार दबाव बना हुआ है. 
  2. विदेशी निवेशकों ने पिछले महीने में रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा पैसे निकाले थे, जो इस महीने भी जारी है. विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं.
  3. फेड रेट की कटौती के बाद भी अभी RBI की ओर से स्‍पष्‍ट नहीं है कि वह ब्‍याज दरों में कटौती करेगा या नहीं. इससे भी निवेशक कंफ्यूजन में हैं और दबाव बना हुआ है. 
  4. आज चीन की ओर से अतिरिक्‍त राहत पैकेज 10 लाख करोड़ रुपये का ऐलान हो सकता है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा कि अगर चीन अपने आर्थिक मजबूती के लिए ये कदम उठाता है तो विदेशी निवेशक चीन की ओर रुख करेंगे. इस कारण बाजार में और गिरावट हावी हो रही है. 

9 फीसदी से ज्‍यादा टूट चुका है निफ्टी 
निफ्टी सितंबर के आखिर में अपने शिखर से 9.4 प्रतिशत गिरकर सोमवार को अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स और निफ्टी मिडस्मॉल कैप 400 इंडेक्स 24 सितंबर के शिखर से 25 अक्टूबर के निचले स्तर तक क्रमशः 10.2 प्रतिशत और 9.7 प्रतिशत नीचे आ गए हैं. जेफरीज ने कहा कि घरेलू इक्विटी म्यूचुअल फंडों में मजबूत फ्लो बना हुआ है.  

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बैंकिंग स्‍टॉक में भारी दबाव 
विदेशी निवेशकों ने लगभग हर सेक्‍टर्स से पैसों की निकासी की है. हालांकि बैंकिंग और फाइनेंशियल स्‍टॉक्‍स से सबसे ज्‍यादा निकासी की गई है. ऐसे में बैंकिंग स्‍टॉक में भारी गिरावट भी आई है. विदेशी निवेशकों ने बैंकिंग सेक्‍टर्स से 26000 करोड़ की राशि एक महीने के दौरान निकाली है. वहीं इंडसइंड बैंक जैसे बैंकों के रिजल्‍ट भी अच्‍छे नहीं रहने के कारण ये सेक्‍टर ज्‍यादा दबाव महसूस कर रहा है. 

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