दिग्गज निवेशक और दुनिया के पांचवें सबसे अमीर इंसान (World's 5th Richest Person) बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफेट (Warren Buffett) ने 94 साल की उम्र में अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है और उनकी जगह साल 2025 के अंत में ग्रेग एबेल (Greg Abel) लेंगे. बफेट ने बीते शनिवार को कंपनी की एनुअल मीटिंग में अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया.आइए जानते हैं कौन हैं 1.16 ट्रिलियन डॉलर के ग्रुप के नए सीईओ के बारे में...
बफेट ने जमकर की तारीफ
बर्कशायर हैथवे का कारोबार (Berkshire Hathaway Business) की बात करें, तो इसकी शुरुआत एक कपड़ा कंपनी से हुई थी, जो शुरुआती दौर में असफल साबित हुई थी, लेकिन वॉरेन बफे ने इसे 1.6 ट्रिलियन डॉलर के ग्रुप में तब्दील कर दिया. आज कंपनी का कारोबारी, रेललाइन, बीमा, कपड़े, कंस्ट्रक्शन, एनर्जी से लेकर आइसक्रीम बनाने वाली कंपनी तक फैला हुआ है. 94 साल की उम्र में अचानक बफेट ने जाने की योजना बनाई और सालाना बैठक में 40,000 शेयरहोल्डर्स को चौंकाते हुए रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया. इस दौरान दिग्गज अरबपति निवेशक वॉरेन बफे ने ग्रेग एबेल की जमकर तारीफ की.

Warren Buffett ने कहा, अब समय आ गया है कि एबेल को आना चाहिए. मैं उतनी मेहनत नहीं करना चाहता जितना ग्रेग करता है, कंपनी ग्रेग उनके साथ बेहतर काम कर रही है. इस बीच बता दें कि वॉरेन बफेट अक्सर अपनी उम्र और मृत्यु के बारे में संकेत देते रहे हैं और अब रिटायरमेंट के ऐलान के साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया है कि वे कंपनी में अपना एक भी शेयर नहीं बेचेंगे, बल्कि इन्हें उनके निधन के बाद दान किया जाएगा.
मजदूरों की तरह काम, अब बर्कशायर की कमान
62 वर्षीय मूल रूप से कनाडाई ग्रेग एबेल (Greg Abel) के करियर पर गौर करें, तो ये बेहद ही दिलचस्प रहा है. 1 जून, 1962 को एडमॉन्टन, अल्बर्टा में जन्मे ग्रेगरी एडवर्ड एबेल उर्फ ग्रेग एबेल एक मजदूर वर्ग के परिवार में पले-बढ़े. होरेशियो अल्जेर एसोसिएशन ऑफ डिस्टिंग्विश्ड अमेरिकन्स के अनुसार, उन्होंने अपने शुरुआती दौर में बेकार पड़ी बोतलों को साफ करने और आग बुझाने वाले यंत्रों को भरने जैसे मजदूरों वाले छोटे-मोटे काम किए. उन्होंने एसोसिएशन के एक वीडियो में कहा था, 'मेरा एक कामकाजी वर्ग का परिवार था, जहां कभी-कभी लोगों के पास नौकरी होती थी और कभी-कभी नहीं होती थी. हम सभी अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करते थे.'
Berkshire में ऐसे बढ़ीं जिम्मेदारियां
बर्कशायर हैथवे की कमान संभालने जा रहे ग्रेग एबेल अपने शुरुआती दौर में साइकिल चलाते हुए घर-घर में विज्ञापन फ्लायर वितरित करते थे. हाई स्कूल करने के बाद वे अपने पिता की कंपनी में अग्निशामक यंत्र भरने (Fire Extinguishers Filling) का काम करने लगे. उन्होंने 1984 में अल्बर्टा विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर कैलएनर्जी नामक एनर्जी कंपनी में शामिल हो गए. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1992 में वे वॉरेन बफेट की बर्कशायर हैथवे से जुड़ गए. वे 2008 में बर्कशायर द्वारा अधिग्रहित मिडअमेरिकन एनर्जी के सीईओ बने, जो बर्कशायर हैथवे एनर्जी (BHE) के नाम से जानी जाने लगी. इसके बाद उन्हें 2018 में Berkshire में उपाध्यक्ष बनाया गया और साल 2021 से ही वॉरेन बफेट के उत्तराधिकारी के रूप में नॉमिनेट किया गया था.

जीता वॉरेन बफेट का भरोसा
अपने काम की दम पर जल्द ही Greg Abel वॉरेन बफेट का भरोसा जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने बड़े सौदे पहचानने और बड़े जोखिमों से बचने की अपनी कुशलता दिखाई. उन्हें लेकर एक बार Warren Buffett ने कहा था कि इस दुनिया में बहुत सारे होशियार लोग हैं, लेकिन उनमें से कुछ बहुत सी बेवकूफी भरी हरकतें करते हैं, लेकिन ग्रेग एक होशियार आदमी हैं जो कभी कोई बेवकूफी भरी हरकत नहीं करते. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो लोग एबेल के साथ काम करते हैं, वे अक्सर कहते हैं कि उनमें वॉरेन की झलक दिखती है. बीते शनिवार को उन्होंने बैठक के दौरान शेयरहोल्डर्स से कहा कि मैं बर्कशायर का हिस्सा बनकर इससे अधिक सम्मानित महसूस नहीं कर सकता. ग्रेग एबेल की नियुक्ति को निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है.
हॉकी के दीवाने, इतनी हैं एबेल की नेटवर्थ
गौरतलब है कि ग्रेग एबेल को रेलवे से लेकर रिटेल बिजनेस में गहरी समझ है और बर्कशायर बड़ी बड़ी डील में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयोवा के डेस मोइनेस में रहने वाले ग्रेग की कुल संपत्ति (Greg Abel Networth) करीब 1 अरब डॉलर (लगभग 8,457 करोड़ रुपये से ज्यादा) है. वे हॉकी के दीवाने माने जाते हैं और अपने बेटे की हॉकी टीम के कोच भी हैं.
बहरहाल, अरबपति निवेशक और बर्कशायर के चेयरमैन वॉरेन बफेट ने भले ही अपने रिटायरमेंट के ऐलान के साथ ही ग्रेग की नियुक्ति का ऐलान कर दिया है, लेकिन अभी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की आधिकारिक मंजूरी मिलनी बाकी है.